भारत ने अफगानिस्तान में भूकंप से लोगों की मौत पर शोक प्रकट किया, समर्थन की प्रतिबद्धता जतायी

भारत ने अफगानिस्तान में भूकंप से लोगों की मौत पर शोक प्रकट किया, समर्थन की प्रतिबद्धता जतायी

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  • Publish Date - June 22, 2022 / 06:20 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:56 PM IST

नयी दिल्ली, 22 जून (भाषा) भारत ने अफगानिस्तान के पूर्वी पक्तिका प्रांत में आए शक्तिशाली भूकंप में काफी संख्या में लोगों के मारे जाने पर बुधवार को शोक प्रकट किया और जरूरत की इस घड़ी में अफगानिस्तान के लोगों को सहायता एवं समर्थन की प्रतिबद्धता व्यक्त की ।

अफगानिस्तान के पूर्वी पक्तिका प्रांत में आए भूकंप में करीब 1000 लोगों के मारे जाने की खबरें आई हैं ।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया, ‘‘ भारत, अफगानिस्तान में आए भयावह भूकंप के पीड़ितों एवं उनके परिवारों तथा इससे प्रभावित होने वाले सभी लोगों के प्रति शोक एवं सहानुभूति प्रकट करता है । ’’

उन्होंने कहा कि हम अफगानिस्तान के लोगों की पीड़ा को साझा करते हैं और इस जरूरत की घड़ी में उन्हें सहायता एवं समर्थन देने की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हैं ।

गौरतलब है कि पूर्वी अफगानिस्तान में बुधवार तड़के आये भूकंप में 1,000 लोगों की मौत हो गई और 1,500 अन्य घायल हुए हैं। यह अद्यतन आंकड़ा बख्तर समाचार एजेंसी ने दिया है।

यह आपदा देश पर ऐसे समय में आई है, जब अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के बाद तालिबान के देश को अपने नियंत्रण में लेने के मद्देनजर अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने अफगानिस्तान से दूरी बना ली है। इस स्थिति के कारण 3.8 करोड़ की आबादी वाले देश में बचाव अभियान को अंजाम देना काफी मुश्किल भरा होने का अंदेशा है।

अफगानिस्तान के राजदूत फरीद मामुंदजई ने इस कठिन समय में एकजुटता एवं समर्थन प्रकट करने के लिये भारत की सराहना की ।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ इस कठिन समय में एकजुटता एवं समर्थन प्रकट करने के लिये भारत की सराहना करते हैं । अफगानिस्तान में मानवीय स्थिति पहले ही बद से बदतर होती जा रही है और ऐसे में भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदा से देश के काफी लोगों के जीवन पर बोझ असहनीय हो जायेगा । ’’

मामुंदजई ने कहा कि मानवीय संकट और प्राकृतिक आपदा के कारण हुए नुकसान से निपटने के लिये तत्काल अंतरराष्ट्रीय मदद की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि पक्तिका, खोश्त, नांगरहार के विभिन्न इलाकों में बचाव अभियान जारी है और इससे आंकड़े बढ़ सकते हैं ।

भाषा दीपक

दीपक नरेश

नरेश