भारत ने मिसाइल ‘प्रलय’ का परीक्षण किया

भारत ने मिसाइल ‘प्रलय’ का परीक्षण किया

भारत ने मिसाइल ‘प्रलय’ का परीक्षण किया
Modified Date: July 29, 2025 / 05:24 pm IST
Published Date: July 29, 2025 5:24 pm IST

(परिवर्तित स्लग के साथ)

बालासोर/नयी दिल्ली, 29 जुलाई (भाषा) भारत ने पारंपरिक युद्ध सामग्री ले जाने में सक्षम नयी विकसित सामरिक मिसाइल ‘प्रलय’ का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है।

रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस मिसाइल का परीक्षण सोमवार और मंगलवार को ओडिशा तट के पास ‘एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप’ से किया गया।

 ⁠

‘प्रलय’ एक कम दूरी की सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है, जिसकी ‘पेलोड’ क्षमता 500 से 1,000 किलोग्राम तक है।

‘पेलोड’ क्षमता का अर्थ है कि कोई मिसाइल, रॉकेट, ड्रोन या विमान अधिकतम कितने भार का विस्फोटक, उपकरण या सामग्री अपने लक्ष्य तक ले जा सकता है।

यह मिसाइल पारंपरिक युद्ध सामग्री ले जाने में सक्षम है और इसकी मारक क्षमता 150 से 500 किलोमीटर है। इसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित किया गया है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सफल उड़ान परीक्षण के लिए डीआरडीओ, सशस्त्र बलों और उद्योग की सराहना करते हुए कहा कि आधुनिक प्रौद्योगिकियों से लैस मिसाइल से सशस्त्र बलों को खतरों के खिलाफ और तकनीकी बढ़ावा मिलेगा।

रक्षा मंत्रालय ने बताया कि मिसाइल प्रणाली की अधिकतम और न्यूनतम रेंज क्षमता की पुष्टि करने के लिए उपयोगकर्ता मूल्यांकन परीक्षणों (‘यूजर इवाल्यूएशन ट्राइल’) के एक भाग के रूप में उड़ान परीक्षण किए गए थे।

इसने कहा कि मिसाइलें निर्धारित दिशा में सटीक रूप से आगे बढ़ीं और बिल्कुल सटीकता के साथ निर्धारित लक्ष्य पर पहुंचीं।

रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘सभी उपप्रणालियों ने अपेक्षा अनुरूप कार्य किया, जिन्हें एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) द्वारा तैनात विभिन्न ‘ट्रैकिंग सेंसर’ द्वारा संग्रहित किए गए परीक्षण आंकड़ों का उपयोग करके सत्यापित किया गया था, जिसमें निर्दिष्ट प्रभाव बिंदु के पास स्थित जहाज पर तैनात उपकरण शामिल थे।’’

मंत्रालय ने कहा, ‘‘प्रलय एक स्वदेशी रूप से विकसित ठोस प्रणोदक अर्ध-बैलिस्टिक मिसाइल है जो उच्च परिशुद्धता सुनिश्चित करने के लिए अत्याधुनिक मार्गदर्शन और नौवाहन को नियोजित करती है।’’

इस प्रणाली को अनुसंधान केंद्र इमरत द्वारा अन्य डीआरडीओ प्रयोगशालाओं – रक्षा अनुसंधान और विकास प्रयोगशाला, उन्नत प्रणाली प्रयोगशाला, आयुध अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान, उच्च ऊर्जा सामग्री अनुसंधान प्रयोगशाला, रक्षा धातुकर्म अनुसंधान प्रयोगशाला, टर्मिनल बैलिस्टिक अनुसंधान प्रयोगशाला, अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान (इंजीनियर) और आईटीआर आदि के सहयोग से विकसित किया गया है।

इसके उद्योग भागीदार ‘भारत डायनेमिक्स लिमिटेड’ और ‘भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड’ और कई अन्य उद्योग और एमएसएमई हैं।

भाषा खारी प्रशांत

प्रशांत


लेखक के बारे में