भारतीय नागरिकता और अप्रवासन नियम : सीएए, एनआरसी की गुत्थी सुलझाने का प्रयास करती किताब

भारतीय नागरिकता और अप्रवासन नियम : सीएए, एनआरसी की गुत्थी सुलझाने का प्रयास करती किताब

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  • Publish Date - April 22, 2022 / 05:14 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:58 PM IST

नयी दिल्ली, 22 अप्रैल (भाषा) विवादास्पद संशोधित नागरिकता अधिनियम (सीएए), 2019 और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के विभिन्न पहलुओं की गुत्थी को सुलझाने का प्रयास करती एक किताब में भारतीय नागरिकता और अप्रवासन कानूनों के विभिन्न पहलुओं पर रोशनी डाली गई है।

लेखक-वकील अमीश टंडन द्वारा लिखित “भारतीय नागरिकता और अप्रवासन कानून” कानून के प्रासंगिक वर्गों का हवाला देते हुए स्पष्ट करती है कि “भारत का नागरिक होने का क्या मतलब है, नागरिक बनने के विभिन्न तरीके, सीएए किसकी मदद करने के लिए है, और असम जैसे सीमावर्ती राज्य इस मामले में एक विशेष मामला क्यों हैं”।

टंडन ने कहा, “भारतीय नागरिकता और अप्रवासन कानून की हर बारीकियों और पहलू को समग्र रूप से शामिल करने का प्रयास किया गया है। इसके अलावा इसमें इस विषय पर सभी निर्णयों का विश्लेषण करने और उन्हें सरल और समझने में आसान तरीके से प्रस्तुत करने का भी प्रयास किया गया है।”

टंडन पूर्व में “कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न का कानून: अभ्यास और प्रक्रिया” नाम से भी पुस्तक लिख चुके हैं।

देश ने 11 दिसंबर, 2019 को पारित नए संशोधन नागरिकता अधिनियम के खिलाफ देशव्यापी विरोध देखा, जिसमें मुस्लिमों को छोड़कर पड़ोसी देशों से उत्पीड़न का सामना कर रहे अल्पसंख्यकों को नागरिकता प्रदान की गई।

प्रकाशन गृह ‘नियोगी’ के अनुसार, सरल भाषा में लिखी गई यह किताब अप्रवासन से संबंधित कानूनों की व्याख्या करती है, यह स्पष्ट करती है कि कौन “अवैध अप्रवासी” है और कानूनन नागरिकता कैसे प्राप्त की जा सकती है।

भाषा

प्रशांत पवनेश

पवनेश