महबूबा मुफ्ती जैसे नेताओं की नजरबंदी भारत का लोकतंत्र क्षतिग्रस्त करने जैसा, जल्द हो रिहाई- राहुल गांधी

महबूबा मुफ्ती जैसे नेताओं की नजरबंदी भारत का लोकतंत्र क्षतिग्रस्त करने जैसा, जल्द हो रिहाई- राहुल गांधी

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  • Publish Date - August 2, 2020 / 08:24 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:30 PM IST

नई दिल्ली। राहुल गांधी ने जम्मू एंड कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता महबूबा मुफ्ती की रिहाई की मांग की है। ट्वीट कर राहुल गांधी ने लिखा है कि, ‘भारत का लोकतंत्र उस समय क्षतिग्रस्त हो गया जब भारत सरकार ने गैरकानूनी रूप से राजनीतिक नेताओं को बंदी बनाया। यह सही समय है जब महबूबा मुफ्ती को रिहा किया जाए।

 

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इससे पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने महबूबा मुफ्ती की नजरबंदी बढ़ाने का विरोध किया था। उन्होंने शनिवार को कहा कि सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत मुफ्ती की नजरबंदी बढ़ाना कानून का ही उल्लंघन नहीं है, बल्कि नागरिकों को मिले संवैधानिक अधिकारों पर भी हमला है। उन्होंने पूछा कि 61 साल की पूर्व मुख्यमंत्री सार्वजनिक सुरक्षा के लिए कैसे खतरा हो सकती हैं?

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गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की नजरबंदी को सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत तीन महीने के लिए बढ़ा दिया गया है।

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अब वे 5 नवंबर तक हिरासत में रहेंगी। अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से ही वे नजरबंदी में है।