उत्तराखंड के संचार विहीन क्षेत्रों में क्यूडीए प्रणाली का आरंभ

उत्तराखंड के संचार विहीन क्षेत्रों में क्यूडीए प्रणाली का आरंभ

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:21 PM IST
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Published Date: October 8, 2020 1:49 pm IST
उत्तराखंड के संचार विहीन क्षेत्रों में क्यूडीए प्रणाली का आरंभ

देहरादून, आठ अक्टूबर (भाषा) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्य के दूर-दराज के गांवों में ‘नो सिग्नल’ क्षेत्रों में संचार की नवीनतम प्रणाली ‘क्विक डिप्लोएबल एंटिना’ (क्यूडीए) की बृहस्पतिवार को शुरूआत की । इस तकनीक का उपयोग करने वाला उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य है ।

राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) द्वारा स्थापित इस तकनीक की शुरूआत करने के बाद रावत ने दूरस्थ क्षेत्र, मलारी, गुंजी और त्यूणी के ग्रामीणों से बात की।

मुख्यमंत्री ने यहां स्थित उत्तराखंड नियंत्रण कक्ष से प्रदेश के चमोली जिले के मलारी, पिथौरागढ़ जिले के गुंजी और देहरादून जिले के त्यूणी क्षेत्र के प्रधान और ग्रामवासियों से क्यूडीए के जरिए संपर्क किया और क्षेत्र की समस्याओं की जानकारी भी ली ।

उन्होंने एसडीआरएफ की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार की प्रणाली उत्तराखंड में किसी भी आपदारूपी संकट के दौरान संजीवनी साबित होगी जिसके दूरगामी परिणाम अत्यंत सुखद ओर लाभकारी होंगे।

सुदूरवर्ती एवं सीमांत क्षेत्रों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए प्रदेश में संचार की दृष्टि से कमजोर क्षेत्रों में 248 सैटेलाइट फोन वितरित किये गए थे। इस काम को गति और व्यापकता देते हुए एसडीआरएफ ने नवीनतम टेक्नोलॉजी क्यूडीए से इसे जोड दिया ।

इस प्रकार की तकनीक काउपयोग करने वाला उत्तराखंड देश में प्रथम राज्य है। वर्तमान में देश में एनडीआरएफ और अर्धसैनिक बल ही इसका उपयोग कर रहे हैं।

क्यूडीए सिग्नलविहीन क्षेत्रों में संचार स्थापित करने की नवीनतम तकनीक है ।

साधारण तौर पर कहा जा सकता है कि इस तकनीक का उपयोग कर किसी भी संचार विहीन क्षेत्र में तत्काल सेटेलाइट से संपर्क कर लाइव ऑडियो ओर वीडियो कॉल की सुविधा मिल जाती है।

भाषा दीप्ति अमित शाहिद

शाहिद

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)