मणिपुर में संघर्षरत समूहों के बीच मतभेद सुलझाने में समय लगेगा: भागवत
मणिपुर में संघर्षरत समूहों के बीच मतभेद सुलझाने में समय लगेगा: भागवत
कोलकाता, 21 दिसंबर (भाषा) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि जातीय संघर्ष प्रभावित मणिपुर में संघर्षरत समूहों के बीच मतभेदों को सुलझाने में समय लगेगा, लेकिन आश्वासन दिया कि पूर्वोत्तर राज्य में अंतत: शांति स्थापित होगी।
भागवत ने हाल ही में मणिपुर का दौरा किया। भागवत ने कहा कि उन्होंने पूर्वोत्तर राज्य में सभी जनजातीय और सामाजिक नेताओं के साथ-साथ युवा प्रतिनिधियों से भी बातचीत की। उन्होंने कहा कि ये अशांति मुख्य रूप से कानून और व्यवस्था की समस्या है और यह धीरे-धीरे कम हो रही है और लगभग एक वर्ष में समाप्त हो जाएगी।
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन लोगों के विचारों को मिलाना एक बड़ा काम है और इसमें समय लगेगा। उन्होंने यह भी कहा कि इसका एकमात्र उपाय संवाद करना और समूहों को एकमत पर लाना है।
आरएसएस प्रमुख ने संघ की स्थापना के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में यहां आयोजित एक समारोह के दौरान कहा, ‘यह किया जा सकता है, क्योंकि मूल रूप से भावना पहले से ही मौजूद है। हमने इसे अरुणाचल, मेघालय में किया है और नगालैंड व अन्य जगहों पर भी इसे किया जा रहा है।’
भागवत ने कहा कि मणिपुर में आरएसएस की लगभग 100 शाखाएं हैं।
उन्होंने कहा कि मणिपुर में अंततः शांति स्थापित होगी, लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया, ‘‘इसमें निश्चित रूप से समय लगेगा।’’
व्याख्यान और संवाद कार्यक्रम में एक प्रतिभागी द्वारा यह सवाल किये जाने पर कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से संघ क्यों दूरी बनाए हुए है, इस पर आरएसएस प्रमुख ने कहा कि संघ हमेशा से ही भाजपा से दूरी बनाए रखता आया है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम भाजपा के सभी नेताओं से बहुत दूरी बनाए रखते हैं।’’ उन्होंने साथ ही कहा, ‘‘हम हमेशा से नरेन्द्र भाई (प्रधानमंत्री मोदी) और अमित भाई (केंद्रीय गृह मंत्री शाह) के करीब रहे हैं।’
दोनों नेता संघ के निकट माने जाते हैं और प्रधानमंत्री मोदी पहले संगठन के प्रचारक रह चुके हैं।
उन्होंने कहा कि आरएसएस और भाजपा नेतृत्व के बीच संबंधों को लेकर ऐसी कहानियों पर ध्यान नहीं देना चाहिए और यह स्पष्ट किया कि संघ एक स्वच्छ संगठन है और किसी के साथ अपने संबंध छिपाता नहीं है, चाहे वह किसी भी राजनीतिक संगठन से हो।
भाषा अमित दिलीप
दिलीप

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