आईटीबीपी ने पहली बार अपने कर्मियों के लिए ऑनलाइन शराब आपूर्ति प्रणाली शुरू की

आईटीबीपी ने पहली बार अपने कर्मियों के लिए ऑनलाइन शराब आपूर्ति प्रणाली शुरू की

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  • Publish Date - December 27, 2020 / 12:10 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:34 PM IST

नयी दिल्ली, 27 दिसंबर (भाषा) भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने अपने वर्तमान और पूर्व कर्मियों को शराब उपलब्ध कराने के लिए अपनी तरह की पहली ऑनलाइन शराब आपूर्ति प्रणाली शुरू की है।

आईटीबीपी भारत-चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालती है।

अद्धैसैनिक बल ने सुदूर क्षेत्रों में अपने घरों और यूनिट के पास पसंद की ब्रांड की शराब उपलब्ध नहीं होने संबंधी कर्मियों की शिकायतों को दूर करने के उद्देश्य से कुछ समय पहले ही केन्द्रीयकृत शराब प्रबंधन प्रणाली (सीएलएमएस) शुरू की है।

आईटीबीपी जैसे अर्द्धसैनिक बल के कर्मियों को सरकारी नियम के अनुसार शराब खरीदने की अनुमति है और ऐसा पहली बार हो रहा है जब बलों में इसके लिए ऑनलाइन प्रणाली शुरू की गई है। देश के अर्द्धसैनिक बलों में सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआईएसएफ और एसएसबी के अलावा एनडीआरएफ और एनएसजी जैसे केन्द्रीय बल भी आते हैं।

बल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘आईटीबीपी के कर्मी लंबे समय से मांग कर रहे थे कि उनके निवास स्थान के नजदीक अच्छी गुणवत्ता की शराब उपलब्ध कराई जाए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मौजूदा प्रणाली के तहत, अभी तक जवानों और अधिकारियों को सिर्फ अपनी तैनाती वाली यूनिट की कैंटीन से शराब खरीदने की अनुमति थी तथा वे बल की दूसरी यूनिट की कैंटीन से शराब नहीं खरीद सकते थे, भले ही वह उनके आवास या पैतृक स्थान से कितनी भी करीब हो।’’

आईटीबीपी प्रमुख एस. एस. देसवाल ने हाल में ऑनलाइन प्रणाली शुरू की जिसका लिंक बल की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है।

पोर्टल पर उपलब्ध लिंक के माध्यम से वर्तमान या पूर्व कर्मी अपना अकाउंट बना सकते हैं और अपने घर के पास की यूनिट में शराब के ब्रांड और उसकी उपलब्धता देख सकते हैं।

अधिकारी ने कहा कि नयी प्रणाली पूरी तरह से पारदर्शी है और केन्द्रीयकृत है जो जवानों को आसानी से तमाम ब्रांड की शराब की कीमत इत्यादि जानने और देखने का अवसर देती है।

ऑनलाइन प्रणाली के तहत फिलहाल शराब की 85 ब्रांड उपलब्ध हैं और वर्तमान या पूर्व कर्मी एक महीने में शराब की आठ बोतल और बीयर की छह कैन खरीद सकते हैं।

भाषा अर्पणा नेत्रपाल

नेत्रपाल