झारखंड को जल्द मिलेगा पहला गिद्ध संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र

झारखंड को जल्द मिलेगा पहला गिद्ध संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र

झारखंड को जल्द मिलेगा पहला गिद्ध संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र
Modified Date: December 9, 2025 / 12:30 pm IST
Published Date: December 9, 2025 12:30 pm IST

(संजय कुमार दे)

रांची, नौ दिसंबर (भाषा) भारत में तेजी से घट रही गिद्धों की संख्या को बड़ा संबल देने के लिए झारखंड जल्द ही रांची में अपना पहला गिद्ध संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र शुरू करने जा रहा है। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

राज्य सरकार ने इस केंद्र को संचालित करने के लिए ‘बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी’ (बीएनएचएस) के साथ तकनीकी सहायता हेतु एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने के वन विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

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मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) एस आर नटेश ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘हम अगले वर्ष तक इस केंद्र को चालू करने का प्रयास करेंगे।’

केंद्र सरकार ने पक्षियों की घटती संख्या को बढ़ाने के लिए 2009 में रांची से लगभग 36 किलोमीटर दूर मुटा में राज्य के पहले गिद्ध संरक्षण और प्रजनन केंद्र को मंजूरी दी थी। इसका अवसंरचनात्मक विकास कार्य 2013 में 41 लाख रुपये की लागत से पूरा किया गया था।

हालांकि, नौकरशाही संबंधी बाधाओं और केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय से अनुमति न मिलने जैसे विभिन्न मुद्दों के कारण यह केंद्र शुरू नहीं हो सका था।

नटेश ने कहा, ‘बीएनएचएस तकनीकी सहायता प्रदान करेगा और केंद्र की निगरानी करेगा।’’

गिद्ध, वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की अनुसूची (1) के तहत संरक्षित पक्षी हैं। बीएनएचएस झारखंड समन्वयक सत्य प्रकाश ने बताया कि देश में पाए जाने वाले गिद्धों की नौ प्रजातियों में से छह झारखंड में पाई जाती हैं।

उन्होंने कहा कि कभी पूरे भारत में बहुतायत में पाए जाने वाले गिद्ध पशु चिकित्सा दवा ‘डाइक्लोफेनैक’ से संबंधित विषाक्तता के कारण लगभग गायब हो गए हैं।

प्रकाश ने बताया कि हाल के अध्ययनों के अनुसार, झारखंड में गिद्धों की संख्या 400 से 450 के बीच है।

संरक्षण प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए कोडरमा जिले में एक ‘गिद्ध रेस्तरां’ स्थापित किया गया है। तिलैया नगर परिषद के अंतर्गत गुमो में एक हेक्टेयर क्षेत्र में स्थित यह सुविधा गिद्धों के लिए ‘डाइक्लोफेनैक-मुक्त पशु शव’ उपलब्ध कराने हेतु नामित भोजन स्थल के रूप में कार्य कर रही है।

भाषा सुमित सिम्मी

सिम्मी


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