जेएनयू को मिली शीर्ष 1000 संस्थानों में जगह : कुलपति

जेएनयू को मिली शीर्ष 1000 संस्थानों में जगह : कुलपति

जेएनयू को मिली शीर्ष 1000 संस्थानों में जगह : कुलपति
Modified Date: November 29, 2022 / 07:57 pm IST
Published Date: June 9, 2021 12:12 pm IST

नयी दिल्ली, नौ जून (भाषा) क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग्स में दुनिया के शीर्ष एक हजार संस्थानों में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) को स्थान मिलने के बीच इसके कुलपति एम जगदीश कुमार ने बुधवार को कहा कि संस्थान ने अपने मौजूदा पाठ्यक्रमों को सुदृढ़ किया तथा कई नए पाठ्यक्रम शुरू किए जिसकी वजह से यह सफलता मिली है।

कुमार ने कहा कि यह पहली बार है जब जेएनयू ने वैश्विक रैंकिंग में 550-600 रेंज के भीतर एक समग्र विश्वविद्यालय के रूप में स्थान प्राप्त किया है।

कुलपति ने इस सफलता में योगदान के लिए सभी विद्यार्थियों, स्टाफ, संकाय सदस्यों और पूर्व विद्यार्थियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय शिक्षा मानकों में सुधार और नवोन्मेष तथा अनुसंधान को सुदृढ़ बनाने की दिशा में काम करना जारी रखेगा।

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उन्होंने कहा, ‘‘पिछले पांच साल में विज्ञान, मानविकी और सामाजिक विज्ञान संकायों में मौजूदा पाठ्यक्रमों को सुदृढ़ करने में हमारे सामूहिक प्रयासों और कई नए शैक्षिक पाठ्यक्रमों की शुरुआत, खासकर स्नातक अभियांत्रिकी पाठ्यक्रम और अटल बिहारी वाजपेयी स्कूल ऑफ मैनेजमेंट एंड एंटरप्रेन्योरशिप की स्थापना ने यह सफलता अर्जित करने में बड़ा योगदान दिया है।’’

कुमार ने कहा कि भारतीय संस्थानों को राष्ट्र के समक्ष उत्पन्न मुद्दों का समाधान करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि उच्चतम मानकों वाले विश्वविद्यालयों के वैश्विक समूह में अधिक भारतीय संस्थानों को जगह मिलने से भारत को व्यापक लाभ होगा।

कुलपति ने कहा, ‘‘इसके साथ ही मैं इस बात पर जोर देना चाहूंगा कि हमारे विश्वविद्यालयों को भारत को आत्मनिर्भर बनाने और एक सतत विश्व के लिए जलवायु, ऊर्जा, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं राष्ट्रीय सुरक्षा क्षेत्र संबंधी विभिन्न चुनौतियों के समाधान पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।’’

विश्व रैंकिंग में भारत के तीन संस्थानों को 200 शीर्ष विश्वविद्यालयों की सूची में जगह मिली है।

क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग्स 2022 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मुंबई लगातार चौथे साल भारत का शीर्ष संस्थान रहा है।

भाषा

नेत्रपाल माधव

माधव


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