हरियाणा में कांग्रेस शासन के दौरान नौकरियां बिकती थीं : खट्टर

हरियाणा में कांग्रेस शासन के दौरान नौकरियां बिकती थीं : खट्टर

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  • Publish Date - May 7, 2024 / 03:47 PM IST,
    Updated On - May 7, 2024 / 03:47 PM IST

चंडीगढ़, सात मई (भाषा) हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार को आरोप लगाया कि राज्य में पूर्ववर्ती कांग्रेस शासन के दौरान नौकरियां बिकती थीं और कहा कि भाजपा सरकार ने प्रणाली को ठीक कर दिया तथा योग्यता के आधार पर नौकरियां दी हैं।

खट्टर ने कहा कि केंद्र और राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में विकास कार्य किए हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान नौकरियां देने में पक्षपात किया गया था।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा,’कांग्रेस शासन के दौरान नौकरियां बिकती थीं, चाहे वह चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी, क्लर्क, अधीक्षक, एचसीएस (हरियाणा लोक सेवा), प्रथम श्रेणी, द्वितीय श्रेणी की नौकरियों ही क्यों ना हो, सभी की दरें तय थीं।’’

करनाल संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले समालखा में अपने रोड शो के दौरान एक जनसभा को संबोधित करते हुए भाजपा नेता ने कहा, ‘हमने प्रणाली को ठीक किया और योग्य उम्मीदवारों को योग्यता के आधार पर नौकरियां मिलीं। हमने योग्यता के आधार पर 1.3 लाख नौकरियां दी हैं।’

लोकसभा चुनाव में खट्टर करनाल से भाजपा के उम्मीदवार हैं।

उन्होंने कहा, ‘हम हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीट के साथ-साथ करनाल विधानसभा सीट भी जीतेंगे।’

हरियाणा में लोकसभा की सभी 10 सीट पर चुनाव और करनाल विधानसभा सीट पर उपचुनाव एक साथ 25 मई को होना है।

खट्टर ने कहा कि भाजपा केंद्र में सत्ता बरकरार रखेगी क्योंकि लोगों ने पार्टी द्वारा पिछले 10 वर्षों में किए गए काम को देखा है। उन्होंने दावा किया कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) लोकसभा चुनाव में 400 से अधिक सीट जीतेगा, जिसमें हरियाणा की 10 सीट भी शामिल हैं।

हरियाणा का जिक्र करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 14 फसलों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर की जाती है। उन्होंने कहा किसानों से फसल खरीदने के बाद सरकार सीधे उनके खातों में पैसे भेजती है। इससे पहले, पैसा पहले आढ़तियों के खातों में जाता था।

खट्टर ने कहा कि किसानों को अपने परिवार में शादी या अन्य समारोहों के लिए पैसे लेने आढ़तियों के पास जाना पड़ता था लेकिन अब किसान अपने बैंक खातों से पैसे निकाल सकते हैं।

भाषा योगेश सुभाष

सुभाष