न्यायमूर्ति ललित ने याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग करने की पेशकश की

न्यायमूर्ति ललित ने याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग करने की पेशकश की

न्यायमूर्ति ललित ने याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग करने की पेशकश की
Modified Date: November 29, 2022 / 07:52 pm IST
Published Date: May 6, 2022 7:20 pm IST

नयी दिल्ली, छह मई (भाषा) उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति यू. यू. ललित ने अधिवक्ता प्रशांत भूषण द्वारा दायर अपील की अधिकार संबंधी याचिका पर सुनवाई से स्वयं को अलग करने की पेशकश शुक्रवार को की।

भूषण ने अवमानना के एक फौजदारी मामले में उन्हें दोषी करार देने के फैसले की सुनवाई बड़ी और दूसरी पीठ से कराने का अनुरोध करते हुए याचिका दायर की है।

न्यायमूर्ति ललित, न्यायमूर्ति एस. रविन्द्र भट और न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा की तीन न्यायाधीशों की पीठ मामले की सुनवाई कर रही थी। न्यायमूर्ति ललित ने वादी-प्रतिवादी के वकीलों से कहा कि उन्होंने भूषण से जुड़े एक मामले में न्यायमित्र नियुक्त किया है।

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न्यायमूर्ति ललित ले सवाल किया, ‘‘मुझे लगता है कि तहलका मामले में हरीश साल्वे (वरिष्ठ अधिवक्ता) न्यायमित्र थे। उस मामले में करीब 16 वर्षों के लिए मैं भी न्यायमित्र था…’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं उस मामले से जुड़ा हुआ हूं इसलिए मुझे इसकी सुनवाई जारी रखनी चाहिए या ऐसा नहीं करना चाहिए।’’

न्यायमूर्ति ललित ने भूषण की ओर से पेश वकील से कहा कि वह ऐसा हलफनामा दायर करें कि उनके (न्यायमूर्ति ललित) मामले की सुनवाई करने पर उन्हें (भूषण को) कोई आपत्ति नहीं है।

वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने पीठ से मामले की सुनवाई जारी रखने को कहा।

धवन ने जब न्यायालय से उनकी दलीलें रिकॉर्ड पर लेने को कहा तो न्यायमूर्ति ललित ने कहा, ‘‘हलफनामा दायर करें और वह रिकॉर्ड में दर्ज कर लिया जाएगा।’’

न्यायलय ने मामले की सुनवाई 17 मई, 2022 तक के लिए स्थगित कर दी है।

भाषा अर्पणा नरेश

नरेश


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