बेलागवी (कर्नाटक), 14 दिसंबर (भाषा) कर्नाटक सरकार कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए संबंधित कानूनों में संशोधन करने, एक नई नीति बनाने और राज्य स्तरीय टास्क फोर्स का गठन करने समेत विभिन्न उपाय कर रही है। प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने बृहस्पतिवार को इसकी जानकारी दी।
राव ने कहा कि सरकार समाज में जागरूकता पैदा करने के साथ-साथ लोगों में, ऐसे जघन्य कृत्यों में शामिल होने के खिलाफ कानून का डर भी पैदा करना चाहती है।
राव ने कहा, ऐसी घटनाओं की जांच के लिए सीआईडी जांच के आदेश पहले ही दिये जा चुके हैं।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को नियमित रूप से निरीक्षण करने का निर्देश दिया गया है। मंत्री ने हालांकि, स्वीकार किया कि गर्भधारण पूर्व और प्रसव पूर्व परीक्षण तकनीक (पीसीपीएनडीटी) अधिनियम का अप्रभावी कार्यान्वयन कन्या भ्रूण हत्या के मामलों को पूरी तरह से रोकने और भारत में गिरते लिंगानुपात को रोकने में आड़े आ रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि घटता लिंगानुपात बताता है कि कन्या भ्रूण हत्याएं हो रही हैं।
मंत्री ने कहा, ‘‘यदि आप नागरिक पंजीकरण डेटा पर गौर करें, तो पिछले साल 1,000 पुरुषों पर 947 महिलाएं थीं, और इस साल यह 929 है।’’
वह विपक्ष के नेता आर अशोक सहित कुछ विधायकों द्वारा राज्य में कन्या भ्रूण हत्या के बढ़ते मामलों पर चिंता व्यक्त करते हुए उठाए गए मुद्दों का जवाब दे रहे थे।
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