बेंगलुरु, 18 फरवरी (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार जातीय जनगणना की रिपोर्ट को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को उनकी सरकार की मंशा पर संदेह नहीं करना चाहिए।
सिद्धरमैया ने पिछड़े वर्गों के नेताओं और पिछड़े वर्गों से जुड़े संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ विधान सौध में बजट पूर्व बैठक में भाग लिया। इसके बाद उन्होंने कहा, ‘‘जातीय जनगणना वैज्ञानिक तरीके से की गई और हमारी सरकार इसे निश्चित रूप से लागू करेगी। इस बारे में कोई संदेह नहीं होना चाहिए।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार जातीय जनगणना के पक्ष में है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सरकार ने जातीय जनगणना की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है। इसे आने वाले दिनों में निश्चित रूप से लागू किया जाएगा।’’
जब प्रतिनिधियों ने तमिलनाडु मॉडल पर आरक्षण में वृद्धि की मांग की, तो सिद्धरमैया ने 1992 के इंदिरा साहनी मामले का हवाला दिया और उन्हें बताया कि आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए, और पिछली सरकार का आर्थिक रूप से पिछड़े (ईडब्ल्यूएस) वर्ग के लिए आरक्षण का प्रावधान भारतीय संविधान की भावना के खिलाफ था।
भाषा वैभव रंजन
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