केरल में दुर्घटनावश जलकर मरे दंपति के बच्चों की जिम्मेदारी उठाएगी केरल सरकार

केरल में दुर्घटनावश जलकर मरे दंपति के बच्चों की जिम्मेदारी उठाएगी केरल सरकार

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  • Publish Date - December 29, 2020 / 11:33 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:51 PM IST

तिरुवनंतपुरम, 29 दिसंबर (भाषा) तिरुवनंतपुरम में अतिक्रमण हटाओ मुहिम रोकने की कोशिश में एक गरीब दंपति के दुर्घटनावश जलकर मरने का मामला केरल में जोर पकड़ रहा है। घटना के बाद राज्य सरकार ने मंगलवार को दंपति के अनाथ बच्चों की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। वहीं, विपक्षी पार्टियां इसके लिए पुलिस पर आरोप लगा रही हैं।

राजन (47) और उसकी पत्नी अंबिली (40) नेल्लीमुडु के रहने वाले थे। घटना के बाद दोनों को सरकारी मेडिकल अस्पताल ले जाया गया था जहां सोमवार को उन्होंने दम तोड़ दिया।

अपने पिता की अंतिम इच्छा के अनुसार विवादित जमीन पर अंतिम संस्कार के लिए अस्पताल के बाहर मदद मांगते दंपति के दोनों बच्चों राहुल और रणजीत का वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आने के बाद कई लोगों ने उन्हें अपना घर बनाने के लिए मदद की पेशकश की।

विपक्षी कांग्रेस ने मामला उठाते हुए इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए पुलिस की आलोचना की। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने घोषणा की कि उनकी सरकार दोनों बच्चों की सुरक्षा का जिम्मा उठाएगी।

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार उनकी जिम्मेदारी उठाएगी। हम लोग उनकी शिक्षा का खर्च उठाएंगे और उनके लिए घर बनाएंगे।’’

युवा कांग्रेस पहले ही उनके लिए घर बनाने की घोषणा कर चुकी है। वहीं माकपा की युवा शाखा डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया ने दोनों बच्चों के शिक्षा का खर्च उठाने की बात कही है।

पुलिस के अनुसार घटना 22 दिसंबर को उस वक्त हुई थी जब पड़ोसी की शिकायत पर उन्हें तथा उनके परिवार को उस जमीन से बेदखल करने के न्यायिक आदेश के क्रियान्वयन के लिए पुलिस उनके घर पहुंची, जहां वे रह रहे थे।

दंपती को विवादित जमीन से हटाने का प्रयास गत जून में भी किया गया था।

पुलिस के आने पर राजन और उसकी पत्नी ने खुद पर केरोसिन डाल कर पुलिस को करीब न आने को कहा। इसी दौरान एक पुलिस अधिकारी ने उनके हाथ में पकड़ा हुआ लाइटर छीनने की कोशिश की और आग लग गई।

बाद में राजन के बच्चों ने आरोप लगाया कि पुलिस की जल्दबाजी की वजह से यह दुर्घटना हुई। बच्चों के अनुसार, पुलिस ने स्थगन आदेश के बारे में जानकारी होने के बावजूद उन्हें बेदखल करने का प्रयास किया।

विपक्ष के नेता रमेश चेन्नीथला ने मंगलवार को, पूरे घटनाक्रम के दौरान बरती गई कथित खामियों की जांच के आदेश दिए।

मानवाधिकार कार्यकर्ता अश्चवती ज्वाला की शिकायत के आधार पर राज्य मानवाधिकार आयोग ने तिरूवनंतपुरम पुलिस प्रमुख (ग्रामीण) को घटना के दौरान पुलिस की कथित खामियों की जांच करने तथा चार सप्ताह के अंदर रिपोर्ट देने के आदेश दिए।

डीजीपी लोकनाथ बेहरा ने तिरूवनंतपुरम ग्रामीण के पुलिस अधीक्षक बी अशोक कुमार को पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

भाषा

भाषा सुरभि मनीषा

मनीषा