खरगे ने असम में कांग्रेस के खिलाफ बयान देने को लेकर प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना की

खरगे ने असम में कांग्रेस के खिलाफ बयान देने को लेकर प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना की

खरगे ने असम में कांग्रेस के खिलाफ बयान देने को लेकर प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना की
Modified Date: December 21, 2025 / 11:32 pm IST
Published Date: December 21, 2025 11:32 pm IST

कलबुर्गी (कर्नाटक), 21 दिसंबर (भाषा) कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने असम में राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराने को लेकर रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कड़ी आलोचना की।

खरगे असम में मोदी द्वारा दिये गये भाषण पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे। राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आजादी से पहले, जब मुस्लिम लीग और अंग्रेज भारत के विभाजन की तैयारी कर रहे थे, असम को पूर्वी पाकिस्तान का हिस्सा बनाने की साजिश रची गई थी।

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उन्होंने दावा किया, ‘‘कांग्रेस इस षड्यंत्र का हिस्सा बनने वाली थी। लेकिन यह गोपीनाथ बोरदोलोई ही थे जिन्होंने अपनी ही पार्टी के खिलाफ खड़े होकर असम की पहचान को नष्ट करने की इस साजिश का विरोध किया और असम को देश से अलग होने से बचाया।’’

वहीं, मोदी पर निशाना साधते हुए खरगे ने कहा कि वह अपनी असफलताओं के लिए विपक्ष को दोषी ठहराते हैं।

उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘केंद्र में उनकी (मोदी की) सरकार है। असम में भी भाजपा की सरकार है, जिसे ‘डबल इंजन सरकार’ कहा जाता है। अगर भाजपा रक्षा करने में विफल है, तो वह विपक्षी दल को कैसे दोषी ठहरा सकती है? जब वह (मोदी) विफल होते हैं, तो सारा दोष विपक्ष पर मढ़ देते हैं। मैं ऐसे बयान की निंदा करता हूं।’’

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कभी भी आतंकवादियों या घुसपैठियों का बचाव नहीं किया।

उन्होंने कहा, “हम किसी का बचाव नहीं कर रहे हैं। देश हित में जो भी सही होगा, हम करेंगे, लेकिन हम आतंकवादियों या घुसपैठियों का समर्थन नहीं कर रहे हैं।’’

खरगे ने कहा कि मोदी कांग्रेस को इसलिए दोषी ठहरा रहे हैं कि वह भारत में घुसपैठियों को आने से रोकने में नाकाम रहे हैं।

केंद्र द्वारा मनरेगा को खत्म करने के संबंध में, राज्यसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि यह योजना गरीबों के लिए जीवन रेखा है।

खरगे ने आरोप लगाया कि मोदी जानबूझकर इस अधिनियम को खत्म कर रहे हैं क्योंकि वह गरीब ग्रामीणों और खेतिहर मजदूरों को अमीरों का गुलाम बनाना चाहते हैं।

भाषा राजकुमार सुभाष

सुभाष


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