किसान आंदोलन निर्णायक मोड़ पर पहुंचा: योगेंद्र यादव

किसान आंदोलन निर्णायक मोड़ पर पहुंचा: योगेंद्र यादव

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  • Publish Date - December 8, 2021 / 05:57 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:52 PM IST

नयी दिल्ली, आठ दिसंबर (भाषा) संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) की अहम बैठक से पहले किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि वे तीन कृषि कानूनों के खिलाफ शुरू किए गए एक साल से अधिक समय से चलने वाले आंदोलन में ‘निर्णायक मोड़’ पर पहुंच गए हैं।

यह बैठक बुधवार को की जा रही है और इसमें आंदोलन की भविष्य की कार्रवाई को तय किया जाएगा।

एसकेएम के सदस्य यादव ने सिंघू बॉर्डर पर कहा, “ हम इस ऐतिहासिक आंदोलन के निर्णायक मोड़ पर पहुंच गए हैं। लंबी सुरंग के अंत में उम्मीद की किरण निकली है।”

एसकेएम 40 किसान संघों का एक संठगन है और यह तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई कर रहा है। इन कानूनों को केंद्र सरकार ने निरस्त कर दिया है।

एक अन्य वरिष्ठ किसान नेता जोगिंदर सिंह उगराहन ने कहा कि एसकेएम की पांच सदस्यीय समिति को आंदोलन समाप्त करने को लेकर फैसला करना है और इस पर किसी भी निर्णय की घोषणा एसकेएम की बैठक के बाद की जाएगी।

उगराहन ने कहा, “ हमारे नेताओं को मोर्चा (आंदोलन) उठाने को लेकर फैसला करना है। हमारा कई किलोमीटर लंबा काफिला है और इसे अचानक से हटाया नहीं जा सकता है और हमें उचित तरीके से इसे करने के लिए योजना बनाने की जरूरत होगी। अगर यह होता है तो इसमें चार-पांच दिन लग सकते हैं।”

मंगलवार को एसकेएम ने सरकार के प्रस्ताव में कुछ बिंदुओं पर स्पष्टीकरण की मांग की थी, जिसमें किसानों के खिलाफ ‘फर्जी’ मामलों को वापस लेने के लिए निर्धारित पूर्व शर्त भी शामिल थी।

पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर पिछले साल 26 नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं।

प्रदर्शनकारी किसानों की मुख्य मांगों में से एक तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए 29 नवंबर को संसद में एक विधेयक पारित किया गया था।

मगर आंदोलन जारी है, क्योंकि प्रदर्शनकारी किसानों की मांग है कि सरकार उनकी अन्य मांगों को भी पूरा करे जिसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेना शामिल है।

भाषा

नोमान नरेश

नरेश