Vande Bharat: इंद्रेश महाराज की ‘5 स्टार’ शादी, जयपुर में भक्ति और प्रेम का अनोखा संगम, जानिए कैसी रही युवा कथावाचक की शादी?

Indresh Upadhyay Marriage: इंद्रेश महाराज की '5 स्टार' शादी, जयपुर में भक्ति और प्रेम का अनोखा संगम, जानिए कैसी रही युवा कथावाचक की शादी?

Vande Bharat: इंद्रेश महाराज की ‘5 स्टार’ शादी, जयपुर में भक्ति और प्रेम का अनोखा संगम, जानिए कैसी रही युवा कथावाचक की शादी?

Indresh Upadhyay Marriage

Modified Date: December 7, 2025 / 12:11 am IST
Published Date: December 7, 2025 12:11 am IST
HIGHLIGHTS
  • जयपुर में इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा शर्मा का भव्य विवाह समारोह
  • 101 विद्वान पंडितों ने वेदमंत्रों से मंडप को भक्ति से भर दिया
  • संतों और विद्वानों ने दूल्हा-दुल्हन को आशीर्वाद दिया

भोपाल: Indresh Upadhyay Marriage अब तक आपने बॉलीवुड कलाकारों, वर्ल्ड पॉलिटिकल लीडर्स या अरबपति कारोबारियों की शादी की फैंसी शादी के चर्चे सुने होंगे। लेकिन इस बार देश में चर्चा है युवा कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय की। तो आइए हम भी जानते हैं इंद्रेश महाराज की 5 स्टार वाली शादी कैसी रही।

Indresh Upadhyay Marriage जयपुर की रात आमेर की आबोहवा में घुली भक्ति की सुगंध और ताज आमेर होटल का कुंदनवन लॉन अचानक तिरुपति बालाजी का स्वरूप ले चुका था। शुक्रवार की रात, जब वृंदावन के युवा कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय ने यमुनानगर की शिप्रा शर्मा के साथ वैदिक मंत्रों के बीच सात फेरे लिए, तो लगा मानो भगवान वेंकटेश्वर स्वयं इस विवाह को आशीर्वाद दे रहे हों।

देश के कोने-कोने से 101 विद्वान पंडितों ने तीन घंटे तक वेदमंत्रों का उच्चारण किया। हवन की लपटें उठीं, शंखनाद गूंजा और जब दूल्हा-दुल्हन मंडप में आए, तो हर आंख नम और हर चेहरा मुस्कान से भरा था। दुल्हन शिप्रा गोल्डन साड़ी में लाल चुनरी ओढ़े, मानो साक्षात् लक्ष्मी जी अवतरित हो गई हों। सिर पर मांगटीका, हाथों में चूड़े और नजरें झुकी हुईं। हर कोई बस यही कह रहा था, कितनी सुंदर जोड़ी है और दूल्हा इंद्रेश महाराज शेरवानी में, साफे में, मुस्कान में भक्ति और प्रेम का अनोखा संगम जब उन्होंने शिप्रा का हाथ थामा, तो लगा जैसे राधा-कृष्ण फिर मिल गए हों।

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पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, देवी चित्रलेखा, भागवत भूषण प्रभु, कवि कुमार विश्वास सबने दूल्हा-दुल्हन के सिर पर हाथ रखकर आशीर्वाद दिया। इंद्रेश महाराज, जिनकी कथा में लाखों लोग डूब जाते हैं। आज खुद जीवन की सबसे पवित्र कथा के नायक बन गए..और शिप्रा जो अब उनके जीवन की सहयात्री, उनकी अर्धांगिनी बन गईं। देर रात जब बारात निकली, तो पूरा जयपुर जैसे भक्ति और प्रेम के रंग में रंग गया।

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