लालजी टंडन ने प्रयोगों से बदली राजनीति की दिशा, आपातकाल में भी सिद्धांतों की लड़ाई में डटे रहे | Lalji Tandon changed the direction of politics through experiments Struggled in the battle of principles even during the Emergency

लालजी टंडन ने प्रयोगों से बदली राजनीति की दिशा, आपातकाल में भी सिद्धांतों की लड़ाई में डटे रहे

लालजी टंडन ने प्रयोगों से बदली राजनीति की दिशा, आपातकाल में भी सिद्धांतों की लड़ाई में डटे रहे

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:57 PM IST, Published Date : July 21, 2020/2:40 am IST

नई दिल्ली । लखनऊ के मेदांता अस्पताल में भर्ती मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन का निधन हो गया है। देर रात मिली जानकारी के मुताबिक राज्यपाल लालजी टंडन को किडनी के साथ-साथ लिवर फंक्शन भी फेल हो गया था । उनका इलाज आईसीयू में चल रहा था। लालजी टंडन को 11 जून को मेदांता अस्पताल में सांस लेने में तकलीफ होने पर भर्ती कराया गया था।

लालजी टंडन का जन्म 12 अप्रैल 1935 को लखनऊ में हुआ था। 1958 में उनका विवाह हुआ। लालजी टंडन ने ग्रेजुएट करने के बाद आधिकारिक रुप से राजनीति में प्रवेश किया । उनके पुत्र गोपाल जी टंडन इस समय उत्तरप्रदेश सरकार में मंत्री हैं।

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मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत 1960 में की थी। शुरुआती करियर में लालजी टंडन दो बार पार्षद चुने गए और दो बार विधान परिषद के सदस्य भी रहे। लालजी टंडन ने इंदिरा गांधी की सरकार के खिलाफ जेपी आंदोलन में भी बढ़चढ़कर हिस्सा लिया था। लालजी टंडन को यूपी की राजनीति में कई बदलाव वाले प्रयोगों के लिए भी जाना जाता है। 90 के दशक में प्रदेश में बीजेपी और बीएसपी की गठबंधन सरकार बनाने में भी उनका अहम योगदान माना जाता है।

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लालजी टंडन लखनऊ से 15 वीं लोक सभा 2009-2015 के सदस्य रह चुके हैं। मूल रूप से उत्तर प्रदेश की राजनीति में सक्रिय रहने वाले टंडन प्रदेश की भाजपा सरकारों में मंत्री भी रहे हैं। अटल बिहारी वाजपेयी के सहयोगी रहे । इन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी के चुनाव क्षेत्र लखनऊ की कमान संभाली थी । लालजी टंडन को 21 अगस्त 2018 को बिहार के राज्यपाल बनाया गया। दिनांक 20 जुलाई 2019 को मध्यप्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया था। 21 जुलाई सुबह लालजी टंडन ने लखनऊ के मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली है।