गोवा अग्निकांड में मारे गए झारखंड के तीन प्रवासी श्रमिकों का अंतिम संस्कार

गोवा अग्निकांड में मारे गए झारखंड के तीन प्रवासी श्रमिकों का अंतिम संस्कार

गोवा अग्निकांड में मारे गए झारखंड के तीन प्रवासी श्रमिकों का अंतिम संस्कार
Modified Date: December 8, 2025 / 04:18 pm IST
Published Date: December 8, 2025 4:18 pm IST

(तस्वीरों के साथ)

रांची, आठ दिसंबर (भाषा) गोवा के एक नाइट क्लब में आग लगने की घटना में मारे गए झारखंड के तीन प्रवासी श्रमिकों का सोमवार को उनके पैतृक स्थानों पर अंतिम संस्कार कर दिया गया।

रांची जिले में लापुंग के फतेहपुर गांव के दो भाई प्रदीप (24) एवं बिनोद महतो (20) और खूंटी जिले के कर्रा ब्लॉक में गोविंदपुर गांव के मोहित मुंडा (22) की रविवार रात उत्तरी गोवा के एक क्लब में लगी आग में मौत हो गई थी।

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इस अग्निकांड में नाइट क्लब के 14 कर्मचारियों समेत कुल 25 लोगों की मौत हो गयी।

नाइट क्लब में काम करने वाले प्रदीप, बिनोद और मोहित के शव एक विमान से सुबह वापस लाए गए थे।

प्रदीप और बिनोद का रांची से करीब 60 किलोमीटर दूर लापुंग में कारो नदी के किनारे अंतिम संस्कार कर दिया गया। ग्रामीणों और प्रखंड अधिकारियों की मौजूदगी में अंतिम संस्कार किया गया।

प्रदीप और बिनोद एक साल पहले गोवा गए थे और अपने परिवार की मदद के लिए हर महीने करीब 30,000 रुपये भेजा करते थे।

उनके बड़े भाई फागु ने बताया, ‘‘दोनों अविवाहित थे। वे अगले साल हमारे साथ होली मनाने के लिए आने वाले थे।’’

मोहित का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव में आदिवासी रीति-रिवाजों से किया गया।

कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि तीनों श्रमिक उनके मंदार निर्वाचन क्षेत्र के थे। उन्होंने शवों को वापस लाने के लिए गोवा सरकार के साथ समन्वय किया था।

तिर्की ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘शवों को विशेष एम्बुलेंस से उनके पैतृक गांव ले जाया गया। मैं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मृतकों के परिवारों के लिए कुछ कल्याणकारी प्रावधान करने का अनुरोध करूंगी।’’

श्रम विभाग ने पीड़ितों के परिवारों को तत्काल सहायता के रूप में 50-50 हजार रुपये दिए हैं।

शवों को हवाई अड्डे लाए जाने के दौरान वहां राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष की टीम प्रमुख शिखा लाकड़ा मौजूद रहीं।

लाकड़ा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि श्रम विभाग ने यह सुनिश्चित किया है कि मृतकों के परिवार के दो सदस्यों को शाम को एक उड़ान से रांची वापस लाया जाए। वे अभी गोवा में फंसे हुए हैं।

भाषा

गोला नरेश

नरेश


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