बंगाल में विधि सेवा प्राधिकरण को पहला ट्रांसजेंडर वकील मिला

बंगाल में विधि सेवा प्राधिकरण को पहला ट्रांसजेंडर वकील मिला

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  • Publish Date - July 29, 2021 / 11:20 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:00 PM IST

कोलकाता, 29 जुलाई (भाषा) अधिवक्ता अंकानी बिस्वास पश्चिम बंगाल विधि सेवा प्राधिकरण में पहले ट्रांसजेंडर वकील होंगे। कलकत्ता उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल ने उन्हें प्राधिकरण में शामिल करने को मंजूरी दे दी है। प्राधिकरण के सदस्य सचिव राजू मुखर्जी ने यहां बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

बिस्वास ने दावा किया कि यह पहली बार है कि किसी ट्रांसजेंडर वकील को देश की किसी भी राज्य विधि सेवा प्राधिकरण का हिस्सा बनाया गया हो। मुखर्जी ने कहा, “ कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश पश्चिम बंगाल राज्य विधि सेवा प्राधिकरण के संरक्षक एवं प्रमुख तथा कार्यकारी अध्यक्ष हैं। उन्होंने अंकानी बिस्वास उर्फ अंकन को इसमें शामिल करने की बुधवार को मंजूरी दे दी।”

उच्चतम न्यायालय ने 2014 के अपने ऐतिहासिक फैसले में घोषणी की थी कि ट्रांसजेंडरों को तीसरे लिंग के तौर पर देखा जाए। शीर्ष अदालत ने उन्हें पुरुष, महिला या तीसरे लिंग के तौर पर आत्म पहचान का भी अधिकार दिया था।

कलकत्ता उच्च न्यायालय में वकालत कर रहे बिस्वास ने पीटीआई-भाषा से कहा, “ यह मेरे लिए बहुत बड़ा दिन है। मुझे उम्मीद है कि यह कई अन्य ट्रांसजेंडरों को नई उपलब्धि हासिल करने के लिए प्रेरित करेगा।”

भाषा

नोमान शफीक