उपराज्यपाल ने विविधता और सांस्कृतिक विरासत को अपनाने के लिए जम्मू-कश्मीर के युवाओं की सराहना की

उपराज्यपाल ने विविधता और सांस्कृतिक विरासत को अपनाने के लिए जम्मू-कश्मीर के युवाओं की सराहना की

उपराज्यपाल ने विविधता और सांस्कृतिक विरासत को अपनाने के लिए जम्मू-कश्मीर के युवाओं की सराहना की
Modified Date: October 16, 2025 / 04:02 pm IST
Published Date: October 16, 2025 4:02 pm IST

श्रीनगर, 16 अक्टूबर (भाषा) उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बृहस्पतिवार को कहा कि जम्मू कश्मीर के युवा विविधता और विरासत के साथ मजबूत संबंध स्थापित कर रहे हैं तथा राष्ट्र निर्माण के लिए साझा सांस्कृतिक पहचान को बढ़ावा दे रहे हैं।

कुलगाम में दो दिवसीय वेशव साहित्य महोत्सव के उद्घाटन समारोह में सिन्हा ने कहा कि जम्मू कश्मीर के युवा अब देश के इतिहास, मूल्यों और आकांक्षाओं से गहराई से जुड़ रहे हैं।

साहित्य महोत्सव में लेखक, कलाकार और पाठक एक साथ आए जिन्होंने किताबों और नए विचारों पर चर्चा की तथा रचनात्मक कार्यों को बढ़ावा दिया।

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वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कार्यक्रम में शामिल हुए सिन्हा ने कहा, ‘‘साहित्य महोत्सव जम्मू कश्मीर की अनूठी आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक महत्ता को भी उजागर करेगा तथा महिला लेखकों व युवा लेखकों को अपनी रचनात्मक कृतियों को साझा करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा।’’

सिन्हा ने कहा कि इस क्षेत्र की प्रमुख साहित्यिक हस्तियों की रचनाओं ने कई पीढ़ियों को प्रेरित किया है।

उन्होंने कहा, ‘‘कुलगाम एक समृद्ध आध्यात्मिक और बौद्धिक परंपरा का प्रमाण है। यह प्रकृति, आध्यात्मिकता, संस्कृति और साहित्य का संगम है जो इस पवित्र भूमि को जम्मू कश्मीर की विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाता है।’’

उपराज्यपाल ने युवा प्रतिभाओं के लिए अवसर पैदा करने और मानव रचनात्मकता का विस्तार करने के महत्व पर जोर दिया।

सिन्हा ने कहा, ‘‘प्रगतिशील और जीवंत समाज के लिए विज्ञान, अध्यात्म तथा साहित्य तीनों मजबूत शक्तियां हैं। लेखकों, विचारकों और कवियों को साहित्यिक, वैज्ञानिक और आध्यात्मिक विरासत को बढ़ावा देना चाहिए, लोक परंपराओं को समृद्ध करना चाहिए और सामाजिक सद्भाव को मज़बूत करना चाहिए।’’

भाषा यासिर पवनेश

पवनेश


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