लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया

लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया

लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया
Modified Date: May 24, 2025 / 10:24 pm IST
Published Date: May 24, 2025 10:24 pm IST

अयोध्या, 24 मई (भाषा) सिक्किम में एक साथी सैनिक की जान बचाते हुए सर्वोच्च बलिदान देने वाले सिक्किम स्काउट्स, गोरखा राइफल रेजिमेंट के लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी का शनिवार को सरयू नदी के किनारे जमथरा घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया।

उनके पिता जंग बहादुर तिवारी ने शव को मुखाग्नि दी।

शहीद जवान का पार्थिव शरीर शुक्रवार रात अयोध्या सैन्य अस्पताल पहुंचा। शनिवार सुबह सेना के अधिकारी शव को अस्पताल से उनके आवास पर लेकर आए, जहां हजारों स्थानीय लोग अंतिम संस्कार में शामिल हुए। पूरे दिन स्थानीय नागरिकों और जनप्रतिनिधियों समेत लोगों का तांता लगा रहा और युवा अधिकारी को श्रद्धांजलि दी गई।

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‘भारत माता की जय’ और ‘शहीद शशांक तिवारी अमर रहें’ के नारों के बीच सेना के जवानों ने पार्थिव शरीर को जमथरा घाट पहुंचाया। पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।

श्रद्धांजलि देने वालों में जिला प्रशासन और डोगरा रेजिमेंट सेंटर के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।

अयोध्या के मूल निवासी लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी बृहस्पतिवार को सिक्किम में शहीद हो गए थे। ऑपरेशनल गश्त के दौरान एक साथी सैनिक अशांत नदी में गिर गया और तेज बहाव में बह गया। बिना किसी हिचकिचाहट के शशांक ने हिम्मत दिखाते हुए नदी में छलांग लगा दी। उसने अपने साथी को मौत के मुंह से सफलतापूर्वक बाहर निकाला लेकिन इस प्रक्रिया में दुखद रूप से अपनी जान गंवा दी और बहाव में बह गए।

शशांक अपने परिवार में इकलौता बेटा था। 2019 में उनका चयन राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) के लिए हुआ और पिछले साल उन्हें कमीशन मिला, उनकी पहली पोस्टिंग सिक्किम में हुई।

भाषा

सं, जफर, रवि कांत रवि कांत


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