Lower Berth Rules in Train: ट्रेन में अब आसानी से मिलेगी लोअर बर्थ! जान लें रेलवे के नए नियम और किन्हें मिलेगा इस सुविधा का लाभ?

हाल ही में रेलवे ने लोअर बर्थ को लेकर किया बड़ा बदलाव। यह बदलाव न सिर्फ सुविधा है, बल्कि बुज़ुर्गों के सम्मान और सुरक्षा की गारंटी भी है। आईये विस्तारपूर्वक जानतें हैं..

Lower Berth Rules in Train: ट्रेन में अब आसानी से मिलेगी लोअर बर्थ! जान लें रेलवे के नए नियम और किन्हें मिलेगा इस सुविधा का लाभ?

Lower Berth Rules in Train/Image Source: IBC24

Modified Date: December 8, 2025 / 07:15 pm IST
Published Date: December 8, 2025 7:15 pm IST
HIGHLIGHTS
  • रेलवे का नया नियम, जो कराएगा माता-पिता को सुखी यात्रा!
  • रेलवे की तरफ से बुज़ुर्गों के लिए जबरदस्त तोहफा!

Lower Berth Rules in Train: भारतीय रेलवे ने रोजाना सफर कर रहे लाखों बुज़ुर्गों की सबसे बड़ी मुश्किल को हमेशा के लिए ख़त्म कर दिया है रेलवे हमेशा से ही यात्रिओं के सफर को आसान बनाने के लिए कुछ न कुछ सुविधाएं जोड़ता आया है। हाल ही में, रेलवे ने बड़े बुज़ुर्गों के लिए ख़ास बदलाव किया है ताकि यात्रा के दौरान सीनियर सिटीजन को किसी भी तरह की तकलीफ का सामना न करना पड़े। पहले टिकट बुक करते वक़्त सीनियर सिटीजन, 45 वर्ष से ज्यादा की महिलाएं या फिर गर्भवती महिलाएं लोअर बर्थ चुनना भूल जाए तो सफर के दौरान बहुत से परेशानियों का सामना करना पड़ता था, क्यूंकि उनके लिए अपर और मिडिल बर्थ किसी खतरे से खाली नहीं थी।

साल 2025 में लागू हुए नियमों के तहत 45 वर्ष से ऊपर की महिलाएं और वरिष्ठ नागरिकों के लिए लोअर बर्थ की प्राथमिकता अब और भी ज्यादा मज़बूत कर दी है फिर चाहे वो तत्काल हो, वेटिंग हो या हो पीक सीजन, अब सिस्टम इतना स्मूथ बना दिया है कि यदि आप ऊपर दी हुई केटेगरी में आते हैं तो आपकी डिटेल्स भरते ही सिस्टम ऑटोमेटिकली लोअर बर्थ आपके नाम पर बुक कर देगा, बशर्ते वह सीट खाली हुई तो..।
इस बदलाव से बुज़ुर्गों के लिए यात्रा करना बहुत ही आसान हो जायेगा और साथ ही साथ यह बदलाव सिर्फ सुविधा नहीं, बल्कि बुज़ुर्गों के सम्मान और सुरक्षा का सवाल था, जिसे रेलवे ने बख़ूबी पूरा किया है। आइये जानते हैं कौन कौन ले सकता है इसके लाभ?

Lower Berth Rules in Train: ये लोग ले सकते हैं इस सुविधा का लाभ!

हाल ही में, रेलवे ने ट्रेन में सफर कर रहे यात्रिओं के लिए महत्वपूर्ण बदलाव किये हैं। जिनमें सबसे पहले हैं सीनियर सिटीजन्स, जिनके लिए स्लीपर क्लास में ऊपरी या मिडिल बर्थ पर चढ़ना और उतरना कई बार चुनौतीपूर्ण होता है। दूसरी बारी आती है 45 वर्ष से ऊपर की महिलाएं, जिन्हें अपर बर्थ से ज्यादा लोअर बर्थ सुविधाजनक और आरामदायक लगती हैं क्योंकि अपर और मिडिल बर्थ में ऊपर नीचे करना उनके लिए भी आसान नहीं होता। अब तीसरी केटेगरी की बात करें तो वो हैं गर्भवती महिलाएं, जिनके लिए इनफैक्ट अपर और मिडिल बर्थ में पहुंचना तक किसी जोख़िम से काम नहीं होता है।

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परन्तु अब, रेलवे के द्वारा किए गए बदलावों में यदि आप तीन केटेगरी की मध्य आते हैं तो सिस्टम ऑटोमेटिकली लोअर बर्थ आपके नाम पर रिज़र्व कर लेगा, बशर्ते सीट खाली हो। यदि लोअर सीट न मिले तो टीटीआई ट्रेन में ही इन्हें खाली हुई लोअर सीट अलॉट करेगा।

रेल मंत्रालय के अनुसार, प्रत्येक कोच में लोअर बर्थ का कोटा, कोच के प्रकार पर निर्भर करता है अर्थात इसकी एक तय संख्या पहले से ही रिज़र्व रहती है। स्लीपर में 6-7 लोअर बर्थ, थर्ड-ए.सी में 4-5 लोअर बर्थ, ए.सी में 3-4 लोअर बर्थ सिर्फ इसी केटेगरी के लिए अलग से ही ब्लॉक रखी जाती हैं। अन्य यात्रिओं की तुलना में सीनियर सिटीजन, 45 वर्ष से ऊपर की महिलाएं और गर्भवती महिलाओं को प्रायोरिटी पर मिलती हैं सिस्टम इतना मज़बूत कर दिया है कि सिस्टम बाकी यात्री से पहले इनकी सहूलियत देखती हैं।

Lower Berth Rules in Train: यदि गलती से फिर अपर बर्थ मिले तो?

  • यदि आपको गलती से ऊपर बर्थ मिल जाता है तो चार्ट बनने से 30 मिनट पहले तक चलता रहेगा।
  • स्टेशन के हर प्लेटफॉर्म में आपको चमकता हुआ नीला बोर्ड “वरिष्ठ नागरिक प्राथमिकता कक्ष(Senior Citizen Priority Counter) दिखेगा, वहाँ से भी आप सहायता ले सकते हैं।
  • रेलवे से जुड़ी सभी जानकारी आप हेल्पलाइन नंबर 139 पर कॉल करके ले सकते हैं वहां हिंदी भाषा का चयन करें फिर 8 दबाएं, इससे सीनियर सिटीज़न डेस्क तत्काल जुड़ेगा।

दिव्यांग व्यक्ति के साथ आये अटेंडर के लिए भी है ख़ास व्यवस्था!

भारतीय रेलवे ने हमेशा से “सबके साथ” और “सबके विकास” की निति को अपनाया हैं तो आपको बता दें कि रेलवे ने दिव्यांग यात्रिओं (Person with Disabilities) के लिए पहले से ही एक कोटा रिज़र्व रखता है और अब इसे और भी मज़बूत कर दिया है। आपको जानकर ख़ुशी होगी कि रेलवे ने न सिर्फ दिव्यांग व्यक्ति को लोअर बर्थ बल्कि उनके साथ आये अटेंडेंट (Attendent) के लिए भी विशेष व्यवस्था की है या फिर यूँ कहें कि उनके साथी को भी पास की बर्थ (अपर/मिडिल) अलॉट करने का प्रावधान रखा है। यह सुविधा सभी एक्सप्रेस ट्रेनों (जिसमें शताब्दी और राजधानी में शामिल) पर लागू हो गयी है, ताकि रेल यात्रा सफर कर रहे यात्रिओं के लिए आरामदायक बनें।

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लेखक के बारे में

Swati Shah, Since 2023, I have been working as an Executive Assistant at IBC24, No.1 News Channel in Madhya Pradesh & Chhattisgarh. I completed my B.Com in 2008 from Pandit Ravishankar Shukla University, Raipur (C.G). While working as an Executive Assistant, I enjoy posting videos in the digital department.