‘मैडम सर’ : बिहार की पहली महिला आईपीएस अफसर की जिन्दगी उनकी जुबानी

‘मैडम सर’ : बिहार की पहली महिला आईपीएस अफसर की जिन्दगी उनकी जुबानी

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  • Publish Date - August 17, 2022 / 09:33 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:27 PM IST

नयी दिल्ली, 17 अगस्त (भाषा) रूढ़िवादी व्यवस्था में पली बढ़ी मंजरी जरूहार किस प्रकार रास्ते की तमाम बाधाओं को पार करते हुए न केवल भारतीय पुलिस सेवा में शीर्ष पद पर पहुंची बल्कि इस सेवा में शामिल होने वाली वह बिहार की पहली महिला भी हैं । उनकी यह कहानी दिलो दिमाग को आंदोलित करने वाली है और अपनी इस कहानी को उन्होंने स्वयं लिखा है।

जरुहार की आत्मकथा ‘‘मैडम : सर ’’ पेंगूइन रैंडम हाउस इंडिया ने प्रकाशित की है।

भारत की पहली पांच आईपीएस अफसरों में से एक, और बिहार की पहली महिला आईपीएस अधिकारी 1976 में संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा पास करके भारतीय पुलिस सेवा में शामिल हुईं । अपने कार्यकाल में उन्होंने बिहार और झारखंड में विभिन्न पदों पर काम किया, वह राष्ट्रीय पुलिस अकादमी (एनपीए), केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) और केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में भी रही हैं।

लेखिका ने एक बयान में कहा, ‘‘लोग मुझसे अकसर मेरी कहानी लिखने को कहते थे। मैं आशा करती हूं कि मेरी कहानी सभी लड़कियों और कामकाजी महिलाओं को अपनी दिल की बात पर भरोसा करना सिखाएगी और उन्हें तमाम परेशानियों के बावजूद जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देगी।’’

नयी दिल्ली में रह रहीं जरुहार सीआईएसएफ की विशेष महानिदेशक पद से सेवानिवृत्त हुई हैं और फिलहाल टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज (टीसीएस) में सलाहकार के पद पर हैं।

भागलपुर घटना, 1984 के सिख विरोधी दंगों और बिहार में लालू प्रसाद के शासनकाल जैसी महत्वपूर्ण घटनाओं की पृष्ठभूमि में लिखी गई, ‘मैडम सर’ एक महिला की आंखों से आईपीएस के भीतर का चित्रण है।

भाषा अर्पणा नरेश

नरेश