मणिपुर को अवैध आव्रजन से प्रभावी ढंग से निपटने में संघर्ष करना पड़ रहा: एन बीरेन सिंह

मणिपुर को अवैध आव्रजन से प्रभावी ढंग से निपटने में संघर्ष करना पड़ रहा: एन बीरेन सिंह

मणिपुर को अवैध आव्रजन से प्रभावी ढंग से निपटने में संघर्ष करना पड़ रहा: एन बीरेन सिंह
Modified Date: February 13, 2025 / 09:17 pm IST
Published Date: February 13, 2025 9:17 pm IST

इंफाल, 13 फरवरी (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता एन बीरेन सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि राज्य प्रशासन को तीन मई 2023 से अवैध आव्रजन से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है, जब प्रदेश में जातीय हिंसा शुरू हुई थी, जिसमें 250 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और हजारों अन्य बेघर हुए हैं।

सिंह ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि सीमावर्ती राज्य में अवैध आव्रजन लगातार बढ़ रहा है, जिससे सामाजिक ताना-बाना खतरे में पड़ रहा है।

सिंह ने नौ फरवरी को मणिपुर के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, राज्यपाल ने उन्हें वैकल्पिक व्यवस्था होने तक पद पर बने रहने को कहा था। मणिपुर में बृहस्पतिवार शाम राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया।

 ⁠

‘मूल निवासी मित्रों’ को संबोधित करते हुए सिंह ने अपने पोस्ट में कहा, “हमारी भूमि और पहचान खतरे में है। एक छोटी आबादी और सीमित संसाधनों के मद्देनजर हम बहुत संवेदनशील हैं। मैंने दो मई 2023 तक लगातार अवैध आव्रजन पर नजर रखी और उसका पता लगाया। लेकिन तीन मई 2023 की दुखद घटनाओं के बाद हमारा राज्य प्रशासन प्रभावी ढंग से जवाबी कार्रवाई करने के लिए संघर्ष कर रहा है।”

सिंह ने दावा किया कि म्यांमा के साथ 398 किलोमीटर लंबी संवेदनशील सीमा और उस देश के साथ मुक्त आवागमन व्यवस्था (एफएमआर) मणिपुर के जनसांख्यिकीय संतुलन को बदल रही है।

उन्होंने कहा, “यह कोई अटकलबाजी नहीं है, यह हमारी आंखों के सामने हो रहा है। मार्च 2017 में जब से हमारी सरकार बनी है, तब से चुनौतियां और भी बढ़ गई हैं। तीन मई 2023 की घटना के बाद तो स्थिति और भी गंभीर हो गई है।”

केंद्र सरकार ने पिछले साल जनवरी में घोषणा की थी कि एफएमआर, जो भारत-म्यांमा सीमा के पास रहने वाले लोगों को बिना वीजा के एक-दूसरे के क्षेत्र में 16 किलोमीटर तक प्रवेश की अनुमति देता है, जल्द ही समाप्त हो जाएगा।

सिंह ने कहा, “मणिपुर एक छोटा राज्य है, जिसकी आबादी कम है और संसाधन भी सीमित हैं। देश की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था में हमारा प्रतिनिधित्व करने के लिए हमारे पास केवल तीन सांसद हैं। फिर भी, हम हमेशा गर्व, दृढ़ता और अटूट जज्बे के साथ खड़े रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “अवैध अप्रवास लगातार बढ़ रहा है, जिससे हमारे समाज का ताना-बाना ही खतरे में पड़ गया है। अभी तक, हम केवल उन लोगों में से कुछ की ही पहचान कर पाए हैं, जो हमारी भूमि में अवैध रूप से घुस आए हैं। लेकिन उन लोगों का क्या जो आज तक पकड़े नहीं जा सके हैं?”

सिंह ने सभी संबंधित प्राधिकारियों से आग्रह किया कि वे इस पर गंभीरता से ध्यान दें और मणिपुर में अवैध प्रवासियों का पता लगाने तथा उन्हें निर्वासित करने के प्रयास तेज करें।

भाषा पारुल पवनेश

पवनेश


लेखक के बारे में