मनोहर पर्रिकर : राजनीति में बेदाग चरित्र की मिसाल, सादगी और ईमानदारी के किस्से हैं मशहूर

मनोहर पर्रिकर : राजनीति में बेदाग चरित्र की मिसाल, सादगी और ईमानदारी के किस्से हैं मशहूर

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  • Publish Date - March 17, 2019 / 03:15 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:10 PM IST

नई दिल्ली। मनोहर पर्रिकर का जन्म 13 दिसम्बर, 1955 को हुआ था। उत्तरी गोवा के मापुसा में जन्मे मनोहर पर्रिकर की स्कूली शिक्षा गोवा में ही मारगाओ से हुई।इसके बाद उन्होंने आईआईटी बॉम्बे में दाखिला लिया। साल 1978 में उन्होंने आईआईटी बॉम्बे से मेटलर्जिकल में इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की वर्तमान में वे गोवा के मुख्यमंत्री थे,एनडीए सरकार में उन्हें रक्षा मंत्री की जिम्मेदारी दी गई थी । हालांकि बाद में गोवा में बदलती परिस्थितियों के बीच उन्होंने रक्षा मंत्री का पद त्याग कर गोवा के मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी संभाल ली थी। मनोहर पर्रिकर उत्तर प्रदेश से राज्य सभा सांसद थे। उन्होंने सन1978 मे आईआईटी मुम्बई से स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण की थई। भारत के किसी राज्य के मुख्यमंत्री बनने वाले वह पहले व्यक्ति हैं जिन्होंने आईआईटी से स्नातक किया। उन्हें सन 2001 में आईआईटी मुम्बई द्वारा विशिष्ट भूतपूर्व छात्र की उपाधि भी प्रदान की गयी।मनोहर पर्रिकर की साल 1981 में मेधा पर्रिकर से शादी हुई थी। साल 2000 में मनोहर पर्रिकर की पत्नी मेधा पर्रिकर का कैंसर के कारण निधन हो गया। पिछले साल कैंसर का इलाज कराने के लिए मनोहर पर्रिकर अमेरिका भी गए थे। अमेरिका से इलाज करा कर वो 15 सितंबर को वापस देश लौटे थे, वह पैंक्रियाटिक कैंसर से जूझ रहे थे ।

गोवा में बीजेपी मतलब मनोहर पर्रिकर
भारतीय जनता पार्टी से गोवा के मुख्यमंत्री बनने वाले वह पहले नेता हैं। 1994 में उन्हें गोवा की द्वितीय व्यवस्थापिका के लिये चयनित किया गया था। जून 1999 से नवम्बर 1999 तक वह विरोधी पार्टी के नेता रहे। 24 अक्टूबर 2000 को वह गोवा के मुख्यमंत्री बने किंतु उनकी सरकार 27 फ़रवरी 2002 तक ही चल पाई। जून 2002 में वह पुनः सभा के सदस्य बने तथा 5 जून 2002 को फिर गोवा के मुख्यमंत्री पद के लिए चुन लिए गए।

सर्जिकल स्ट्राइक कर सिखाया पाक को सबक
अपने सादगी के लिए मशहूर मनोहर पर्रिकर मोदी सरकार में रक्षा मंत्री भी थे।वह पर्रिकर ही थे जिनके रक्षा मंत्री रहते भारत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक कर पाकिस्तान को सबक सिखाया था ।मनोहर पर्रिकर 2000 से 2005, 2012 से 2014 और 2017 से अक्टूबर 2018 तक गोवा के मुख्यमंत्री थे. वह उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के सदस्य भी रह चुके थे, लेकिन 2017 में गोवा का सीएम बनने के बाद उन्होंने सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था ।

पर्रिकर के नाम पर सब सहमत
वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 13 मार्च 2017 को भाजपा नेता मनोहर पर्रिकर ने गोवा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली,राजभवन में आयोजित समारोह में राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। पर्रिकर ने गोवा में छोटे दलों और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार बनाई थी और चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। बीजेपी को गोवा की सत्ता में लाने का श्रेय उनको ही जाता है। इसके अतिरिक्त भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव को अकेले गोआ लाने का तथा किसी भी अन्य सरकार से कम समय में एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर की मूलभूत संरचना खड़ी करने का श्रेय भी उन्हीं को जाता है। कई समाज सुधार योजनाओं जैसे दयानन्द सामाजिक सुरक्षा योजना जो कि वृद्ध नागरिकों को आर्थिक सहायता प्रदान करती है, साइबर एज योजना, सीएम रोजगार योजना में भी उनका प्रमुख योगदान रहा है।

गोवा को बनाया सर्वश्रेष्ठ शासित प्रदेश
मनोहर पर्रिकर को कई प्रतिष्ठित प्रतिभाओं जैसे डॉ. अनुपम सराफ, आरसी सिन्हा को सरकार में सलाहकार के तौर पर शामिल करने का श्रेय भी जाता है। प्लानिंग कमीशन ऑफ इंडिया और इंडिया टुडे के द्वारा किये गए सर्वेक्षण के अनुसार उनके कार्यकाल में गोवा लगातार तीन साल तक भारत का सर्वश्रेष्ठ शासित प्रदेश रहा। कार्यशील तथा सिद्धांतवादी मनोहर पर्रिकर को गोवा में मिस्टर क्लीन के नाम से भी जाना जाता है।

17 मार्च 2019 को ली अंतिम सांस
मनोहर पर्रिकर कैंसर से पीड़ित थे, काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे,हालांकि बीमारी की हालत में भी उन्होंने अपने कर्तव्यों का बखूबी पालन किया। मनोहर पर्रिकर सीएम के साथ वित्त मंत्रालय भी संभाल रहे थे, बीमार होते हुए उन्होंने समय पर राज्य सरकार का बजट पेश किया। मनोहर पर्रिकर की गिनती देश सबसे ईमानदार नेताओं में होती है। कहा जाता है कि वो इतने साधारण तरीके से रहते थे कि कभी किसी के पास से निकल जाएं तो उसे पता ही नहीं चलता था कि एक राज्य का सीएम उसके पास से होकर के गया है। 17 मार्च 2019 को गोवा में उनका निधन हो गया। उनके निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,राहुल गांधी सहित विपक्ष के तमाम बड़े नेताओं ने उनके निधन पर शोक जताया ।