नयी दिल्ली, नौ जून (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी में पानी को सुरक्षित करने के प्रयास के तहत दिल्ली मास्टर प्लान-2041 के मसौदा प्रावधानों में घरेलू उपभोक्ताओं के लिए पेयजल की मांग को तर्कसंगत बनाने और इसे रोजाना प्रति व्यक्ति 60 गैलन से घटाकर 50 गैलन प्रति व्यक्ति करने की आवश्यकता बताई गई है।
दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) द्वारा तैयार किया गया मसौदा अब आम लोगों से आपत्तियों तथा सुझावों के लिए सार्वजनिक है। इसमें वर्तमान स्थितियों को ध्यान में रखकर दिल्ली के विकास का आकलन किया गया है और परिकल्पित किया गया है कि अगले 20 साल में किस तरह वांछित विकास प्राप्त किया जाए।
मसौदे में कहा गया है, ‘‘दिल्ली के लिए कच्चे पानी की सीमित उपलब्धता की वजह से दिल्ली जल बोर्ड का लक्ष्य घरेलू इस्तेमाल के लिए पेयजल की मांग को तर्कसंगत बनाने और इसे घटाकर प्रति व्यक्ति 50 गैलन करने तथा गैर पेय उद्देश्यों के लिए वांछित गुणवत्ता मानक के गैर पेय पुनर्चक्रित जल का इस्तेमाल कर पूरक व्यवस्था करने का है।’’
इसमें कहा गया है कि औद्योगिक और बागवानी/कृषि उद्देश्यों के लिए पानी की मांग को वांछित गुणवत्ता मानक के पुनर्चक्रित व्यर्थ जल से पूरा किया जाएगा। 2.91 करोड़ लोगों के लिए पेयजल की मांग 50 गैलन प्रति व्यक्ति प्रतिदिन के हिसाब से अनुमानित तौर पर 145.5 करोड़ गैलन प्रतिदिन होगी।
दिल्ली में 2020 में 1.9 करोड़ लोगों के लिए 60 गैलन प्रति व्यक्ति प्रतिदिन के हिसाब से पेयजल की अनुमानित मांग 114 करोड़ गैलन प्रतिदिन थी।
मसौदे के अनुसार समूची दिल्ली में भूजल के स्तर में गिरावट, यमुना में भारी प्रदूषण और जगह-जगह जल जमाव के स्पष्ट उदाहरण हैं और भविष्य में लगातार बढ़ती मांग आपूर्ति से अधिक हो सकती है क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी ताजा जल के लिए बाह्य स्रोतों पर निर्भर है।
मसौदे में शहर में ताजा पानी की मांग में कमी लाने के लिए विभिन्न प्रबंधन रणनीतियों का सुझाव दिया गया है।
इसके अलावा, मास्टर प्लान के तहत नीतियों के क्रियानवयन पर नजर रखने के लिए मूल्यांकन ढांचा भी डीडीए की योजनाओं में शामिल है।
दिल्ली मास्टर प्लान 2041 का मसौदा जनता के सुझावों और आपत्तियों के लिए डीडीए की वेबसाइट पर उपलब्ध है।
भाषा
नेत्रपाल माधव
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