मेडिकल छात्रा पायल तडवी आत्महत्या मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग ने भेजी नायर अस्पताल के निदेशक को नोटिस

मेडिकल छात्रा पायल तडवी आत्महत्या मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग ने भेजी नायर अस्पताल के निदेशक को नोटिस

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  • Publish Date - May 28, 2019 / 12:09 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:49 PM IST

मुंबई। मेडिकल छात्रा पायल तडवी आत्महत्या मामले में अब पूरे देश की नज़र टिक गई है। जिसके चलते राष्ट्रीय महिला आयोग ने नायर अस्पताल के निदेशक से मेडिकल छात्रा की पोस्टमार्टम रिपोर्ट और इस मामले में की गई कार्रवाई की जानकारी से अवगत कराने कहा है।
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ज्ञात हो कि नायर अस्पताल में मेडिकल कॉलेज की पढ़ाई करने वाली एक छात्रा ने खुदकुशी कर ली थी। छात्रा ने हॉस्टल के कमरे में फांसी लगाकर खुदकुशी की थी। इस दौरान बताया गया था कि छात्रा सीनियर छात्रों के रैगिंग से परेशान थी, जिसके चलते छात्रा ने खुदकुशी की। मामले में परिजनों ने एफआईआर दर्ज कराई है, साथ ही दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

<blockquote class=”twitter-tweet” data-lang=”en”><p lang=”en” dir=”ltr”>Medical student Payal Tadvi suicide case: National Commission for Women writes to director of BYL Nair Hospital requesting for an investigation and apprise the commission of action taken in the case. <a href=”https://t.co/CQi9CTWk38″>pic.twitter.com/CQi9CTWk38</a></p>&mdash; ANI (@ANI) <a href=”https://twitter.com/ANI/status/1133338829832671232?ref_src=twsrc%5Etfw”>May 28, 2019</a></blockquote>
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मिली जानकारी के अनुसार जलगांव निवासी पायल तडवी मुंबई के नायर अस्पताल में मेडिकल की पढाई कर रही थी। छात्रा की खुदकुशी को लेकर परिजनों ने आरोप लगाते हुए कहा है कि पायल को कॉलेज के तीन सीनियर छात्र रैगिंग कर रहे थे, जिससे वह काफी परेशान थी। पायल ने हमें फोन पर रैगिंग की जानकारी दी थी, लेकिन छात्रों ने हमें पायल से मिलने नहीं दिया। मेरी बेटी को उसकी जाति को आधार बनाकर अपमानित व प्रताड़ित किया जाता था।

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अस्पताल की महिला डाक्टरों ने भी मेरी बेटी को परेशान किया था।वहीं, दूसरी ओर इस बीच छात्रा के शव को जलगांव ले जाया गया। जहां उसके घरवालों ने शव को जिलाधिकारी कार्यालय को भेज दिया। मामले को लेकर नायर अस्पताल के प्रबंधन ने कहा है कि यह घटना काफी गंभीर है। छात्रा ने डॉक्टरों और सीनियर छात्रों द्वारा रैगिंग को लेकर न तो किसी शिक्षक या रैगिंग विरोधी समिति के पास कोई शिकायत नहीं की थी। इस पूरे प्रकरण की जांच पुलिस को सौप दी गई है। अस्पताल की रैगिंग विरोधी कमेटी भी मामले की जांच कर रही है।