विदेश मंत्रालय ने ढाका उच्चायोग के बाहर हुए प्रदर्शन पर बांग्लादेशी मीडिया की खबरों को खारिज किया

विदेश मंत्रालय ने ढाका उच्चायोग के बाहर हुए प्रदर्शन पर बांग्लादेशी मीडिया की खबरों को खारिज किया

विदेश मंत्रालय ने ढाका उच्चायोग के बाहर हुए प्रदर्शन पर बांग्लादेशी मीडिया की खबरों को खारिज किया

Madhya Pradesh News / Image Source : IBC24

Modified Date: December 21, 2025 / 10:51 pm IST
Published Date: December 21, 2025 10:51 pm IST

नयी दिल्ली, 21 दिसंबर (भाषा) विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेशी मीडिया की उन खबरों को ‘‘भ्रामक प्रचार’’ बताते हुए खारिज कर दिया, जिनमें कहा गया था कि पड़ोसी देश में एक हिंदू व्यक्ति की हत्या के विरोध में नयी दिल्ली में बांग्लादेशी उच्चायोग के बाहर हुए प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा स्थिति बिगाड़ने का प्रयास किया गया था।

मंत्रालय ने बताया कि शनिवार को बांग्लादेश के मैमनसिंह में दीपू चंद्र दास की ‘‘बर्बर हत्या’’ के विरोध में बांग्लादेश उच्चायोग के सामने लगभग 20 से 25 युवक एकत्र हुए और नारे लगाए।

इसने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश में सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की भी मांग की।

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भारत ने ढाका की अंतरिम सरकार से दास की ‘‘बर्बर हत्या’’ के दोषियों को अदालत के कटघरे में लाने का भी आग्रह किया।

बांग्लादेशी मीडिया की कुछ खबरों में दावा किया गया कि बांग्लादेश उच्चायोग के बाहर प्रदर्शन कर रहे युवाओं ने परिसर की सुरक्षा में सेंध लगाने की कोशिश की।

मंत्रालय ने कहा कि ‘‘किसी भी समय अवरोधक तोड़ने या सुरक्षा स्थिति बिगाड़ने का कोई प्रयास नहीं किया गया’’।

इसने यह भी कहा कि पुलिस ने कुछ मिनट के बाद समूह को तितर-बितर कर दिया और इन घटनाओं के दृश्य साक्ष्य सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हैं।

दास (25) की बृहस्पतिवार को मैमनसिंह शहर में भीड़ ने पीटकर हत्या कर दी थी।

छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद बांग्लादेश में अशांति का एक नया दौर देखने को मिला है। वह सरकार विरोधी प्रदर्शनों का एक प्रमुख चेहरा थे, जिनके कारण शेख हसीना सरकार का पतन हुआ था।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘‘हमने बांग्लादेशी मीडिया के कुछ वर्गों में इस घटना को लेकर भ्रामक प्रचार देखा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘तथ्य यह है कि 20 दिसंबर को नयी दिल्ली में बांग्लादेश उच्चायोग के सामने लगभग 20 से 25 युवक एकत्र हुए और मैमनसिंह में दीपू चंद्र दास की जघन्य हत्या के विरोध में नारे लगाए, साथ ही बांग्लादेश में सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की मांग भी की।’’

जायसवाल इस मुद्दे पर मीडिया के एक सवाल का जवाब दे रहे थे।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत बांग्लादेश में उत्पन्न हो रही स्थिति पर लगातार नजर रख रहा है। हमारे अधिकारी बांग्लादेशी अधिकारियों के संपर्क में हैं और हमने अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों पर अपनी गहरी चिंता उनसे साझा की है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमने यह भी आग्रह किया है कि दास की बर्बर हत्या के दोषियों को अदालत के कटघरे में लाया जाए।’’

पिछले साल अगस्त में तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद से बांग्लादेश में हिंदू आबादी को देशभर में अल्पसंख्यक विरोधी घटनाओं का सामना करना पड़ा है।

भाषा

देवेंद्र सुभाष

सुभाष


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