भ्रामक दुष्प्रचार के कारण आरएसएस को लेकर गलतफहमियां पैदा हुईं: मोहन भागवत

भ्रामक दुष्प्रचार के कारण आरएसएस को लेकर गलतफहमियां पैदा हुईं: मोहन भागवत

भ्रामक दुष्प्रचार के कारण आरएसएस को लेकर गलतफहमियां पैदा हुईं: मोहन भागवत
Modified Date: December 21, 2025 / 06:39 pm IST
Published Date: December 21, 2025 6:39 pm IST

कोलकाता, 21 दिसंबर (भाषा) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि ‘‘भ्रामक दुष्प्रचार’’ के कारण समाज के एक वर्ग में आरएसएस को लेकर कुछ गलतफहमियां हैं।

भागवत ने ‘साइंस सिटी’ सभागार में आरएसएस के शताब्दी समारोह के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि संघ का कोई शत्रु नहीं है, लेकिन कुछ ऐसे लोग हैं जिनकी ‘‘संकीर्ण स्वार्थ की दुकानें’’ संगठन के बढ़ने से बंद हो जाएंगी।

उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति को आरएसएस के बारे में कोई भी राय बनाने का अधिकार है लेकिन वह राय वास्तविकता पर आधारित होनी चाहिए, न कि ‘‘विमर्शों और द्वितीयक स्रोतों से प्राप्त जानकारी’’ पर।

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भागवत ने कहा, ‘‘लोगों के सामने वास्तविकता लाने के लिए देश के चार शहरों में व्याख्यान और संवाद सत्र आयोजित किए गए हैं।’’

उन्होंने कहा कि आरएसएस का कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं है और संघ हिंदू समाज के कल्याण एवं संरक्षण के लिए कार्य करता है।

भागवत ने जोर देकर कहा कि देश एक बार फिर ‘विश्वगुरु’ बनेगा और ‘‘समाज को इसके लिए तैयार करना संघ का कर्तव्य है।’’

शताब्दी समारोह के तहत आरएसएस कोलकाता, दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु में ऐसे सत्र आयोजित कर रहा है।

भारत के उत्थान को निश्चित बताते हुए भागवत ने कहा कि हिंदू धर्म का उत्थान भी निकट है और इसलिए बुरे लोग चिंतित हैं।

आरएसएस प्रमुख ने कहा, ‘‘यही कारण है कि भारत और संघ जैसे संगठनों के खिलाफ दुष्प्रचार और भी जोर-शोर से किया जा रहा है।’’

उन्होंने कहा कि आरएसएस लोगों तक सच्चाई पहुंचाने के तरीकों पर विचार करेगा ताकि वे ऐसे दुष्प्रचार से प्रभावित ना हों।

उन्होंने कहा, ‘‘अगर हमारे पड़ोसी देशों में, जो पहले भारत का हिस्सा थे, सब कुछ ठीक रहता है तो हमारी स्थिति भी ठीक रहेगी।’’

भागवत ने कहा कि सरकार ऐसे मामलों पर अपनी नीतियां तय करेगी, लेकिन समाज के स्तर पर एक-दूसरे की भलाई की कामना करना एक ऐसा विषय है ‘‘जिस पर हम चर्चा करना चाहेंगे।’’

पड़ोसी देश बांग्लादेश में 2024 के मध्य में तत्कालीन शेख हसीना सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद से उथल-पुथल मची हुई है, जहां से अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार की खबरें आई हैं।

प्रमुख युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद बांग्लादेश में हमले और तोड़फोड़ की घटनाएं हुई हैं, जिसमें बृहस्पतिवार को चटगांव में सहायक भारतीय उच्चायुक्त के आवास पर पथराव भी शामिल है।

आरएसएस प्रमुख ने कहा, ‘‘हमें वे चीजें नहीं खरीदनी चाहिए जो घर पर बनाई जा सकती हैं और केवल वही वस्तुएं खरीदनी चाहिए जिनसे स्थानीय लोगों की आय में वृद्धि हो सके। हमें विदेशी भाषा के बजाय मातृभाषा का प्रयोग करना चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि यदि कोई बांग्ला भाषी है तो उसे अपने घर के प्रवेश द्वार पर ‘वेलकम’ की जगह ‘स्वागतम्’ लिखना चाहिए।

उन्होंने लोगों को देश के भीतर यात्रा करने और इसके सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण करने के लिए भी प्रोत्साहित किया।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत में ऐसे कई स्थान हैं जो देखने योग्य हैं। चाहे कोई दुनिया के अन्य हिस्सों को देखे या न देखे, उसे अपने देश को अवश्य देखना चाहिए।’’

आरएसएस प्रमुख ने कहा कि लोगों को प्रस्तावना और नागरिकों के मौलिक कर्तव्य समेत संविधान के मूल सिद्धांतों को पढ़ना चाहिए।

भाषा संतोष सुभाष

सुभाष


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