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Monkey Fever News : प्रदेश में मंकी फीवर ने दी दस्तक, इस जिले में सामने आए 31 नए मामले

Monkey Fever News : कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले में पिछले 15 दिनों के दौरान 'मंकी फीवर' के 31 मामले सामने आए हैं।

Edited By :   Modified Date:  February 2, 2024 / 09:34 PM IST, Published Date : February 2, 2024/9:30 pm IST

बेंगलुरु : Monkey Fever News : कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले में पिछले 15 दिनों के दौरान ‘मंकी फीवर’ के 31 मामले सामने आए हैं। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों के मुताबिक संक्रमित लोगों में से 12 मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं जबकि बाकी मरीजों का इलाज घर पर ही किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सभी की हालत स्थिर बनी हुई है और अब तक कोई गंभीर मामला सामने नहीं आया है। ज्यादातर मामले सिद्दापुर तालुक से सामने आए हैं।

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क्या है मंकी फीवर’?

Monkey Fever News : अधिकारियों ने कहा कि क्यासानूर वन रोग (केएफडी) का पहला मामला, जिसे ‘मंकी फीवर’ भी कहा जाता है, 16 जनवरी को सामने आया था। अधिकारियों के मुताबिक ‘मंकी फीवर’ किलनी के काटने से फैलता है जो आम तौर पर बंदरों पर जीवित रहते हैं। मंकी फीवर एक वायरल रक्तस्रावी बुखार है। यह किलनी इंसानों को काटता है जिससे संक्रमण होता है। मनुष्य भी किलनी द्वारा काटे गए मवेशियों के संपर्क में आने से इस रोग से ग्रस्त हो जाते हैं। अधिकारी सावधानियों के बारे में घर-घर जाकर जागरूकता कार्यक्रम चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि वन क्षेत्र में और उसके आसपास रहने वाले लोगों को अधिक सावधान रहने की जरूरत है क्योंकि उन्हें इस बीमारी का खतरा अधिक है।

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स्वास्थ्य अधिकारी ने कही ये बात

Monkey Fever News :उत्तर कन्नड़ जिले के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नीरज बी ने कहा, ‘‘एक बार जब आपको ‘मंकी फीवर’ हो जाता है, तो अगले तीन से पांच दिनों में आपमें लक्षण विकसित हो जाते हैं, जो तेज बुखार, गंभीर शरीर दर्द, सिरदर्द, आंखों की लाली, सर्दी और खांसी हो सकते हैं।’’ डॉ. नीरज बी ने कहा, ‘‘शुक्रवार तक जिले में मंकी फीवर के 31 मामले हैं। 12 लोग अस्पतालों में भर्ती हैं। वे सभी स्थिर हैं और अब तक, हमने कोई गंभीर मामला नहीं देखा है। सभी सावधानियां बरती जा रही हैं। हमारे चिकित्सा अधिकारियों और कर्मचारियों ने ग्राम सभा और ग्राम पंचायत स्तर पर कई बैठकें की हैं। हमारे सभी तालुक और जिला अस्पताल ऐसे मामलों से निपटने के लिए कर्मचारियों और आवश्यक सुविधाओं से सुसज्जित हैं।’’

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