ग्रामीण इलाकों में 21 जून को कोविड टीके की अधिक खुराकें दी गईं: सरकार

ग्रामीण इलाकों में 21 जून को कोविड टीके की अधिक खुराकें दी गईं: सरकार

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  • Publish Date - June 22, 2021 / 12:56 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:58 PM IST

नयी दिल्ली, 22 जून (भाषा) केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि भारत ने 21 जून को एक दिन में कोरोना वायरस के 88.09 लाख टीके लगाने की ‘ऐतिहासिक उपलब्धि’ हासिल की है और करीब 64 प्रतिशत खुराकें ग्रामीण इलाकों में दी गई हैं।

एक अधिकारी ने बताया कि 21 जून को सबसे अधिक टीके मध्य प्रदेश में लगे ,इसके बाद कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, गुजरात, राजस्थान, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और असम का स्थान रहा।

महामारी के हालात और टीकाकरण की स्थिति पर एक संयुक्त प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए अधिकारी ने कहा, “ 21 जून 2021 को ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की गई –एक दिन में 88.09 लाख टीके लगे ।”

अधिकारी ने बताया कि इनमें से 36.32 प्रतिशत टीके शहरी इलाकों में और 63.68 फीसदी ग्रामीण क्षेत्रों में लगाए गए हैं।

सरकार ने कहा कि टीकाकरण जनवरी के मध्य में शुरू हुआ और तब से भारत में 22 जून की दोपहर तीन बजे तक कोविड-19 टीकों की 29.16 करोड़ खुराकें लगा दीं गई हैं।

सरकार ने यह भी कहा कि देश में कोरोना वायरस की स्थिति में सुधार हो रहा है, लेकिन कोविड-19-उपयुक्त व्यवहार का पालन करने पर जोर दिया।

उसने कहा कि सात मई को संक्रमण के मामलों की चरम स्थिति की तुलना में भारत के दैनिक कोविड-19 मामलों में लगभग 90 प्रतिशत की गिरावट आई है।

मंत्रालय ने कहा कि भारत में अब तक कोरोना वायरस के ’डेल्टा प्लस‘ स्वरूप के 22 मामले सामने आए हैं और यह अभी चिंताजनक स्वरूप नहीं है।

सरकार ने कहा कि ‘डेल्टा प्लस’ स्वरूप के 22 में से 16 मामले महाराष्ट्र के रत्नागिरी और जलगांव में आए हैं तथा शेष मामले मध्य प्रदेश और केरल में रिपोर्ट हुए हैं।

मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में 91 दिन बाद, बीते 24 घंटे में कोविड-19 के 50 हजार से कम 42,640 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2,99,77,861 हो गई। वहीं, 79 दिन बाद उपचाराधीन मरीजों की संख्या सात लाख से कम हो गई है।

आंकड़ों के मुताबिक देश में 1,167 और लोगों की संक्रमण से मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 3,89,302 हो गई है। देश में 68 दिन बाद संक्रमण से मौत के इतने कम मामले सामने आए हैं।

भाषा

नोमान नरेश

नरेश