कश्मीर में प्रवेश करते ही पहलगाम हमले का मेरा डर गायब हो गया: नेपाल का साइकिल चालक
कश्मीर में प्रवेश करते ही पहलगाम हमले का मेरा डर गायब हो गया: नेपाल का साइकिल चालक
रामबन (जम्मू-कश्मीर), नौ जुलाई (भाषा) नेपाल के एक साइकिल चालक ने कहा कि कश्मीर में दाखिल होते ही पहलगाम आतंकवादी हमले का उनका डर दूर हो गया, लेकिन अमरनाथ गुफा मंदिर जाने की उनकी इच्छा अधूरी रह गई। उन्होंने अगले साल यात्रा के लिए फिर से आने का संकल्प लिया।
सचिन चौधरी का दावा है कि वह ‘पेड़ बचाओ, पानी बचाओ’ का संदेश फैलाने के लिए विश्व भ्रमण पर निकले हैं। चौधरी दक्षिण कश्मीर के पहलगाम से जम्मू लौटते समय यहां पहुंचे थे। पहलगाम पवित्र अमरनाथ गुफा मंदिर की तीर्थयात्रा के लिए दो आधार शिविरों में से एक है।
साइकिल चालक ने बताया कि वह पिछले साल नेपाल स्थित अपने गृहनगर से रवाना हुए थे और उन्होंने पिछले साढ़े आठ महीनों में भारत के विभिन्न हिस्सों की यात्रा की। अकेले साइकिल यात्रा पर निकले चौधरी ने कहा, ‘‘पहलगाम आतंकी हमले के बारे में सुनकर मुझे कुछ आशंका हुई, लेकिन कश्मीर में प्रवेश करते ही मेरा डर दूर हो गया। लोगों के स्नेह और सहयोग तथा चारों ओर शांति ने मुझे तुरंत सुरक्षित महसूस कराया।’’ चौधरी वर्तमान में पूरे भारत की यात्रा पर हैं।
आतंकवादियों ने 22 अप्रैल को पहलगाम के निकट बैसरन घाटी में हमला किया, जिसमें 26 लोग मारे गए। जवाबी कार्रवाई में, भारतीय सशस्त्र बलों ने छह मई की रात को पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में मिसाइल हमले किए और कई आतंकवादी ढांचे ध्वस्त कर दिए।
चौधरी ने कहा, ‘मैं अमरनाथ गुफा मंदिर में दर्शन करने के लिए पहलगाम गया था, लेकिन उप-विभागीय मजिस्ट्रेट ने विदेशियों के लिए गृह मंत्रालय से अनुमति की आवश्यकता का हवाला देते हुए मुझे तीर्थयात्रा की अनुमति नहीं दी। मैं बाबा बर्फानी के दर्शन की अपनी इच्छा पूरी करने के लिए अगले साल फिर आऊंगा।’
चौधरी ने कहा कि वह भारत में अपनी यात्रा पूरी करने के बाद दूसरे देश के लिए रवाना होंगे।
भाषा आशीष वैभव
वैभव

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