कोहिमा, 27 सितंबर (भाषा) नगालैंड के सरकारी स्कूलों में कार्यरत एक हजार से ज्यादा तदर्थ शिक्षकों ने अपनी सेवा को नियमित करने की मांग को लेकर मंगलवार को लगातार दूसरे दिन अपना आंदोलन जारी रखा। वहीं, स्कूल शिक्षा निदेशालय ने अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी है और ‘ काम नहीं वेतन नहीं’ नियम लागू कर दिया है।
‘ऑल नगालैंड एडहॉक टीचर्स ग्रुप’ (एएनएटीजी)-2015 बैच के 1166 सदस्यों को 1994 से 2012 तक राज्य के विभिन्न स्कूलों में नियुक्त किया गया था। वे नागरिक सचिवालय के बाहर तख्तियां और बैनर लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
स्कूल शिक्षा निदेशालय के प्रधान निदेशक तवासीलन के. ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि एएनएटीजी-2015 बैच के सदस्यों की ‘अवैध नियुक्तियां’ नहीं हैं, बल्कि उन्हें अलग-अलग समय पर स्वीकृत पदों के लिए ‘उचित मानदंडों का पालन किए बिना अनियमित रूप से’ नियुक्त किया गया था।
उन्होंने कहा, “ ऐसा नहीं है कि हम उन्हें नियमित नहीं करना चाहते, लेकिन विभाग और सरकार उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के आदेशों की वजह से मजबूर है जिसमें कहा गया है कि किसी भी तदर्थ नियुक्ति को नियमित नहीं किया जा सकता है।”
प्रधान निदेशक ने बताया कि विभाग ने शिक्षकों को सलाह दी है कि वे अदालत जाएं और उसके आदेश पर स्थगन लें जिसके बाद विभाग निश्चित रूप से उनकी सेवा को नियमित करने की राज्य कैबिनेट को सिफारिश करेगा।
एएनएटीजी-2015 बैच के प्रवक्ता बेंडंडगटेम्सु ओज़ुकुम ने संवाददाताओं से कहा कि वे विभिन्न स्कूलों से यहां आए हैं जिनमें राज्य के दूर-दराज़ के इलाकों में स्थित विद्यालय भी शामिल हैं। उन्होंने कहा, “यह दूसरी बार है कि जब हम अपनी सेवा को नियमित कराने के लिए इकट्ठा हुए हैं।”
ओज़ुकुम ने विभाग के काम पर लौटने या कार्रवाई का सामना करने वाले निर्देश को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है और कहा कि तदर्थ शिक्षक अपनी वास्तविक मांग के पूरा होने तक लड़ाई जारी रखेंगे।
भाषा नोमान पवनेश
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