पाठ्यपुस्तकों में संकीर्ण विचारधारा का प्रचार नहीं होना चाहिए : केरल के शिक्षा मंत्री
पाठ्यपुस्तकों में संकीर्ण विचारधारा का प्रचार नहीं होना चाहिए : केरल के शिक्षा मंत्री
तिरुवनंतपुरम, 18 जून (भाषा) केरल के सामान्य शिक्षा मंत्री वी शिवनकुट्टी ने एनसीईआरटी द्वारा स्कूली पाठ्यपुस्तकों में हाल में किये गए विवादास्पद संशोधनों की आलोचना करते हुए मंगलवार को कहा कि पाठ्यपुस्तकों में संकीर्ण विचारधारा का प्रचार नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि राज्य, बाबरी मस्जिद विध्वंस और अयोध्या सहित विभिन्न खंडों में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) द्वारा किये गए बदलावों को स्वीकार नहीं करता है।
एक बयान में मंत्री ने कहा कि बच्चों को वास्तविक इतिहास और विज्ञान पढ़ाया जाना चाहिए और केरल ने हमेशा इस रुख को बरकरार रखा है तथा इसे लागू किया है। उन्होंने कहा, ‘‘पाठ्यपुस्तकों में संकीर्ण विचारधारा का प्रचार नहीं होना चाहिए।’’
शिवनकुट्टी ने एनसीईआरटी द्वारा अतीत में अपनी कुछ पाठ्यपुस्तकों में किये गए विवादास्पद बदलावों का जिक्र करते हुए बताया कि कैसे राज्य सरकार ने एनसीईआरटी द्वारा छोड़े गए अंश को शामिल करते हुए समानांतर पाठ्यपुस्तकें प्रकाशित की थीं।
उन्होंने कहा कि सरकार ने इस विश्वास के आधार पर समानांतर पाठ्यपुस्तकें तैयार की हैं कि शिक्षा को केरल की सांस्कृतिक विरासत, धर्मनिरपेक्ष दृष्टिकोण और प्रगतिशील मानसिकता के अनुसार आकार दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य द्वारा लाई गई ये पाठ्यपुस्तकें देश और राज्य की सामाजिक-सांस्कृतिक विशेषताओं को दर्शाती हैं और राष्ट्र के संवैधानिक मूल्यों के अनुरूप हैं।
राज्य के स्थानीय स्वशासी विभाग (एलएसजीडी) के मंत्री एम बी राजेश ने भी एनसीईआरटी द्वारा पाठ्यपुस्तकों में संशोधनों को सरकार की सभी प्रणालियों को सांप्रदायिक बनाने की कोशिश करार देते हुए कहा कि ऐसे प्रयासों के खिलाफ सामूहिक लड़ाई जारी रखने की जरूरत है।
भाषा आशीष सुभाष
सुभाष

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