एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के कार्यालय के बाहर किया प्रदर्शन | NCUI workers demonstrate outside Haryana Staff Selection Commission office

एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के कार्यालय के बाहर किया प्रदर्शन

एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के कार्यालय के बाहर किया प्रदर्शन

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:46 PM IST, Published Date : January 18, 2021/10:59 am IST

चंडीगढ़, 18 जनवरी (भाषा) नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के कार्यकर्ताओं ने पंचकूला में हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) के कार्यालय के बाहर सोमवार को प्रदर्शन किया और आरोप लगाया कि पिछले पांच साल में कई बार प्रश्न पत्र लीक हुए हैं, लेकिन राज्य सरकार इसे लेकर कोई ठोस कदम उठाने में नाकाम रही है।

आयोग ने ग्राम सचिव के लगभग 700 पदों के लिए नौ और 10 जनवरी को आयोजित हुईं लिखित परीक्षाएं रद्द किए जाने की शनिवार को घोषणा की थी। आयोग ने यह कदम प्रश्नपत्र लीक होने के दावों के बाद उठाया है।

हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा था कि सरकार की जानकारी में आया है कि कुछ निजी कॉलेजों और अन्य संस्थानों में मोबाइल उपकरणों में प्रश्नपत्र और उत्तर कुंजी पाई गईं।

उन्होंने कहा था कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने लिखित परीक्षाओं को रद्द करने का फैसला किया है।

इस बीच कांग्रेस की छात्र शाखा एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि यह प्रश्न पत्र लीक होने का पहला मामला नहीं है, बल्कि पिछले पांच साल में ऐसा कई बार हुआ है।

एनएसयूआई की हरियाणा इकाई के अध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा ने कहा, ‘‘प्रश्न पत्र लीक होने की ताजा घटना एकमात्र ऐसी घटना नहीं है। पिछले पांच साल में, विभिन्न भर्तियों संबंधी प्रश्न पत्र लीक होने की कई घटनाओं ने राज्य में युवाओं का भविष्य खतरे में डाला है, लेकिन राज्य सरकार कोई भी ठोस कदम उठाने में नाकाम रही है और प्रश्न पत्र लीक होने की घटनाएं होती रही हैं।’’

खट्टर सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने एचएसएससी अध्यक्ष के कार्यालय का घेराव करने और आयोग के परिसरों में घुसने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया।

इससे पहले, कांग्रेस के महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने आरोप लगाया था कि लिखित परीक्षा को रद्द कर राज्य सरकार ने इसमें गड़बड़ी होना स्वीकार किया है।

उन्होंने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज किए जाने और इसकी स्वतंत्र जांच कराए जाने की मांग की।

सुरजेवाला ने कहा कि लगभग 10 लाख लोगों ने यह परीक्षा दी थी और राज्य सरकार को परीक्षा देने वाले प्रत्येक अभ्यर्थी को 5,000 रुपये का मुआवजा देना चाहिए।

भाषा सिम्मी माधव

माधव

 

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