नवीकरणीय ऊर्जा के लिए लगभग 48 गीगावाट अंतर-राज्यीय पारेषण प्रणाली नेटवर्क पूरा: सरकार
नवीकरणीय ऊर्जा के लिए लगभग 48 गीगावाट अंतर-राज्यीय पारेषण प्रणाली नेटवर्क पूरा: सरकार
नयी दिल्ली, 21 जुलाई (भाषा) सौर और पवन ऊर्जा के लिए लगभग 48 गीगावाट अंतर-राज्यीय पारेषण प्रणाली (आईएसटीएस) नेटवर्क स्थापित किया गया है, जबकि 159 गीगावाट निर्माणाधीन है। यह जानकारी सोमवार को संसद को दी गई है।
विद्युत राज्य मंत्री श्रीपद नाइक ने राज्यसभा में एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि आईएसटीएस से जुड़ी 230 गीगावाट सौर एवं पवन ऊर्जा की निकासी के लिए 340 गीगावाट (जीडब्ल्यू) अंतर-राज्यीय पारेषण प्रणाली (आईएसटीएस) नेटवर्क की योजना बनाई गई है।
उन्होंने कहा, ‘‘अब तक, कुल नियोजित क्षमता में से, 48 गीगावाट का निर्माण पूरा हो चुका है, 159 गीगावाट निर्माणाधीन है, 21 गीगावाट बोली प्रक्रिया में है, और 112 गीगावाट की योजना बनाई जा रही है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पारेषण योजनाओं को विद्युत मंत्रालय या सक्षम प्राधिकारी द्वारा अक्षय ऊर्जा क्षमताओं की निर्धारित शुरुआत करने की तिथियों के अनुसार अनुमोदित किया जाता है।’’
अंतर-राज्यीय पारेषण प्रणाली (इन-एसटीएस) के लिए, मंत्री ने कहा कि हरित ऊर्जा गलियारा (जीईसी)-एक योजना कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, गुजरात, हिमाचल प्रदेश और महाराष्ट्र में 10,141.68 करोड़ रुपये की लागत से कार्यान्वित की जा रही है।
जीईसी-दो योजना गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, राजस्थान, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में 12,031.33 करोड़ रुपये की लागत से कार्यान्वित की जा रही है।
नाइक ने कहा कि इसके अलावा, राज्यों को 10 साल की अवधि के साथ इन-एसटीएस के लिए संबंधित योजनाएं तैयार करने की सलाह दी गई है।
बिजली की मांग के बारे में, मंत्री ने कहा कि जून में अधिकतम मांग 2,43,118 मेगावाट जबकि अधिकतम आपूर्ति 2,42,493 मेगावाट रही और इस प्रकार दोनों के बीच 625 मेगावाट का अंतर रहा।
भाषा राजेश राजेश अविनाश
अविनाश

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