ब्रू समुदाय के लोगों के लिए नये मकान, दशकों पुरानी ‘शरणार्थी’ समस्या का होगा समाधान

ब्रू समुदाय के लोगों के लिए नये मकान, दशकों पुरानी ‘शरणार्थी’ समस्या का होगा समाधान

ब्रू समुदाय के लोगों के लिए नये मकान, दशकों पुरानी ‘शरणार्थी’ समस्या का होगा समाधान
Modified Date: November 29, 2022 / 08:27 pm IST
Published Date: July 10, 2022 2:12 pm IST

अगरतला, 10 जुलाई (भाषा) त्रिपुरा के धलाई जिले के लोंगटेराई रेंज में एक आदिवासी बस्ती हदुकलाऊ की पहाड़ियों में अब छोटे-छोटे मकान बन गए हैं। ये मकान ब्रू समुदाय के उन लोगों के लिए बने हैं जो 25 साल पहले जातीय संघर्षों के बाद मिजोरम स्थित अपने घरों को छोड़कर चले गए थे।

समुदाय की ‘शरणार्थी’ स्थिति को स्थायी रूप से हल करने के लिए सरकार द्वारा प्रदान की गई भूमि पर मकान बनाने के लिए 400 से अधिक ब्रू लोगों ने राहत शिविर छोड़ दिया।

हजारों ब्रू आदिवासी 1997 से त्रिपुरा में राहत शिविरों में रह रहे हैं। वे मिजोरम में अपने पैतृक स्थान जातीय संघर्ष के चलते छोड़कर पड़ोसी राज्य आ गए थे। अब तक, आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों की संख्या 37,136 से अधिक हो गई है।

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एक अधिकारी ने बताया कि उत्तरी त्रिपुरा जिले के कंचनपुर उपखंड के नैसिंहपारा शिविर में रहने वाले 92 परिवारों के कुल 426 लोगों को धलाई जिले के हादुकलाऊ लाया गया।

कंचनपुर के अनुविभागीय दंडाधिकारी सुभाष आचार्य ने कहा कि मिजोरम के 37000 से अधिक रियांग/ब्रू लोग कंचनपुर अनुमंडल में 25 वर्षों से अधिक समय से सात शिविरों में शरण लिए हुए हैं। उन्होंने बताया कि पुनर्वास पैकेज के प्रभावी होने से सभी विस्थापितों को इस वर्ष 31 अगस्त तक राज्य के विभिन्न भागों में बसा दिया जाएगा।

भाषा अमित शोभना

शोभना


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