देश में फिर बनी मोदी सरकार तो उठाएगी यह बड़ा कदम! पूरा सीन ही हो जाएगा चेंज
New Labour Codes in india: सूत्रों के हवाले से मिली खबर के अनुसार श्रम मंत्रालय नई श्रम संहिताओं को लागू करने की दिशा में तेजी से काम कर रहा है।
India News Today Live Update 18 May 2024
New Labour Codes: नईदिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 के बाद केंद्रीय श्रम मंत्रालय देश के श्रम कानूनों में व्यापक बदलाव करने की तैयारी में है। सूत्रों के हवाले से मिली खबर के अनुसार श्रम मंत्रालय नई श्रम संहिताओं को लागू करने की दिशा में तेजी से काम कर रहा है। यह एक भारत के श्रम कानूनों को आधुनिक और बदलते समय के अनुरूप बनाने का एक अहम प्रयास है।
आपको बता दें कि नए लेबर कोड 2020 में ही संसद से पारित हो गए थे। इसमें चार अलग-अलग कानूनों को समाहित किया गया है। सूत्रों के अनुसार, श्रम मंत्रालय ने राज्यों से इन नए कोडों के क्रियान्वयन को नियंत्रित करने वाले विनियमों को पूरा करने में तेजी लाने के लिए कहा है। यह प्रगति मुद्दों से निपटने और एक समझौते पर पहुंचने के लिए उद्योग प्रतिनिधियों और श्रमिक संघों जैसे विभिन्न हितधारकों के साथ व्यापक चर्चा के बाद हुई है।
तेजी से बन रही है सहमति
उद्योग के हितधारकों ने शुरू में कुछ खास प्रावधानों को लेकर चिंता जतायी थी। लेकिन अब वेतन संहिताओं को लागू करने के लिए वे भी सहमत हो गए हैं। अलग-अलग उद्योगों में मुआवजा प्रथाओं को मानकीकृत करने के लक्ष्य के साथ भत्तों पर 50% की सीमा तय करने पर आम सहमति बनी है।
हालांकि, इकाइयों को बंद करने के लिए कर्मचारी सीमा से संबंधित प्रावधान में बदलाव को लेकर टेंशन है। लेबर यूनियंस इसमें बदलाव चाहती हैं। वर्तमान औद्योगिक संहिता के अनुसार, 300 कर्मचारियों तक वाले उद्योग सरकार की अनुमति के बिना बंद हो सकते हैं। यह 100 कर्मचारियों की पिछली सीमा से काफी ज्यादा है। लेबर यूनियनें श्रमिकों के हितों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए इस क्षेत्र में बदलाव की वकालत कर रही हैं।
2020 में संसद ने दी थी नए लेबर कोड को मंजूरी
नए लेबर कोडों में वेतन, औद्योगिक संबंध, सामाजिक सुरक्षा और व्यावसायिक सुरक्षा पर विनियमन शामिल हैं। 2020 में संसद ने इन्हें मंजूरी दी थी। लेकिन, अभी तक इन्हें पूरी तरह से लागू नहीं किया गया है। अभी 26 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए नियम बना लिए हैं। वहीं, 28 राज्यों ने औद्योगिक संहिता के लिए भी ऐसा कर लिया है। इसके अलावा, 30 राज्यों ने वेतन के संबंध में नियम स्थापित किए हैं। 28 राज्यों ने सामाजिक सुरक्षा से संबंधित मुद्दों को निपटा लिया है।
केंद्र सरकार का इरादा राज्यों की पूर्ण सहमति से नए श्रम कानूनों को लागू करना है। यह श्रम सुधारों के लिए एकीकृत रणनीति के महत्व पर जोर देता है। जैसे-जैसे चुनाव खत्म होने के करीब बढ़ रहे हैं, भारत के श्रम नियमों में संभावित रूप से क्रांतिकारी बदलाव के लिए परिदृश्य तैयार हो रहा है। इसका देशभर के नियोक्ताओं और कर्मचारियों पर बहुत ही व्यापक और सकारात्मक असर पड़ेगा।
read more: Raipur Water Crisis News : राजधानी में एक लाख घरों तक नहीं आ पाएगा पानी | जानिए क्या है वजह
read more: ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां का निधन, दिल्ली एम्स में लीं अंतिम सांस, समर्थकों में शोक की लहर

Facebook



