उप्र प्रशासन गाजियाबाद के स्कूल द्वारा पर्यावरण उल्लंघन के मामले की जांच करे: एनजीटी

उप्र प्रशासन गाजियाबाद के स्कूल द्वारा पर्यावरण उल्लंघन के मामले की जांच करे: एनजीटी

उप्र प्रशासन गाजियाबाद के स्कूल द्वारा पर्यावरण उल्लंघन के मामले की जांच करे: एनजीटी
Modified Date: June 12, 2025 / 08:48 pm IST
Published Date: June 12, 2025 8:48 pm IST

नयी दिल्ली, 12 जून (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने उत्तर प्रदेश के अधिकारियों को जांच करके कार्रवाई करने का निर्देश दिया है कि क्या गाजियाबाद के बृज विहार इलाके में बाल भारती पब्लिक स्कूल पर्यावरण मानदंडों का उल्लंघन करके निर्माण कार्य करवा रहा है।

हरित निकाय एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें आरोप लगाया गया है कि स्कूल मानदंडों का उल्लंघन करके अपने परिसर में निर्माण कार्य करवा रहा है।

इसमें जिन मानदंडों के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है उनमें राज्य प्रदूषण बोर्ड के वेब पोर्टल पर परियोजना का पंजीकरण न करना, स्व-लेखा परीक्षा रिपोर्ट प्रस्तुत करने में विफलता, साइट की दूर से निगरानी के लिए वीडियो निगरानी की व्यवस्था न करना, एंटी-स्मॉग गन की तैनाती न करना, धूल को कम करने के अप्रभावी उपाय और निर्माण सामग्री के अनुचित भंडारण की बात शामिल है।

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एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव और विशेषज्ञ सदस्य ए सेंथिल वेल की पीठ ने 30 मई को पाया कि आरोपों में ‘शैक्षणिक और नागरिक जिम्मेदारी की उपेक्षा’ करने का जिक्र है। याचिका में जो अन्य आरोप लगाए गए हैं उनमें स्कूल द्वारा अवैध रूप से भूजल का दोहन, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना न करना, अनधिकृत डीजल जनरेटर सेट का उपयोग करना और सुरक्षा और बिजली नियमों का उल्लंघन करते हुए अस्थायी विद्युत कनेक्शन का उपयोग करके इनके संचालन की बात शामिल है।

पीठ ने कहा, ‘‘आवेदक ने यह भी आरोप लगाया है कि उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) ने 34.2 लाख रुपये का पर्यावरण मुआवजा लगाया था, लेकिन अब तक इसकी वसूली नहीं की गई है।’’

एनजीटी ने कहा कि आरोपों की जमीनी स्तर पर जांच की जरूरत है और अगर स्कूल ने पर्यावरण मानदंडों का उल्लंघन किया है, तो अधिकारी त्वरित कार्रवाई करेंगे।

याचिका का निपटारा करते हुए न्यायाधिकरण ने कहा कि निर्देशों का पालन आठ सप्ताह के भीतर किया जाना चाहिए।

भाषा संतोष माधव

माधव


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