एनजीटी ने दिल्ली के मुख्य सचिव को भलस्वा झील को बचाने के लिए कदम उठाने के दिए निर्देश

एनजीटी ने दिल्ली के मुख्य सचिव को भलस्वा झील को बचाने के लिए कदम उठाने के दिए निर्देश

  •  
  • Publish Date - May 22, 2021 / 08:47 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:02 PM IST

नयी दिल्ली, 22 मई (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने दिल्ली के मुख्य सचिव को उत्तर पश्चिम दिल्ली में स्थित भलस्वा झील को प्रदूषण तथा अतिक्रमण से बचाने के लिए उपचारात्मक कदम उठाने के वास्ते एक बैठक करने का निर्देश देते हुए कहा कि कानून का काम जल निकायों को उनकी मूल अवस्था में बनाए रखने का होता है क्योंकि वे महत्वपूर्ण पारिस्थितिकी कार्य करती हैं।

एनजीटी अध्यक्ष न्यायाधीश ए के गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने मुख्य सचिव को समस्या पर विचार करने और कानून के अनुसार उपचारात्मक कदमों की योजना बनाने के लिए दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए), दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी), दिल्ली पर्यावरण और परिवहन विभाग निगम और उत्तर दिल्ली नगर निगम के प्रतिनिधियों की बैठक बुलाने का आदेश दिया।

एनजीटी ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) से समय-समय पर झील के पानी की गुणवत्ता के आंकड़ें पर नजर रखने और उसे अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित करने को भी कहा।

पीठ ने कहा, ‘‘इसमें कोई शक नहीं है कि कानून का काम जल निकायों को उनकी मूल अवस्था में बनाए रखने का है। जल निकाय महत्वपूर्ण पारिस्थितिकी कार्य करते हैं। वे न केवल सुंदरता बढ़ाते हैं बल्कि जल संरक्षण, जलीय जीवन बनाए रखने और वायुमंडलीय परिस्थितियों का स्थानीय समूह बनाए रखने में भी मदद करते हैं। स्वच्छ पर्यावरण जीवन जीने के अधिकार और साथ ही राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों का हिस्सा होना चाहिए। इनकी रक्षा करना राज्य प्राधिकरणों का कर्तव्य है।’’

अधिकरण एनजीओ उड़नकार की याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें सार्वजनिक प्राधिकरणों पर दिल्ली में महत्वपूर्ण जलाशय भलस्वा झील को प्रदूषण तथा अतिक्रमण से बचाने के अपने कर्तव्य का निर्वहन न करने का आरोप लगाया गया।

याचिका में आरोप लगाया कि झील में ठोस कचरे के साथ ही सीवर की गंदगी के रूप में प्रदूषण फैलाया जा रहा है और झील के आसपास की चारदीवारी को गिरा दिया गया है।

भलस्वा दिल्ली में सबसे बड़े जल निकायों में से एक है और यह 150 एकड़ से अधिक के क्षेत्र में फैली है।

भाषा गोला शाहिद

शाहिद