नयी दिल्ली, 10 नवंबर (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) को पर्यावरण नियमों का पालन किये बिना चल रहीं सभी टायर पायरोलिसिस इकाइयों (टीपीयू) को जल्द से जल्द बंद करने का निर्देश दिया है।
पायरोलिसिस में पुराने टायरों का उच्च तापमान पर तापीय-रसायन पद्धति से पुनर्चक्रण करके औद्योगिक तेल और अन्य पदार्थ बनाये जाते हैं।
एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति ए के गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि इन इकाइयों को शून्य उत्सर्जन के नियमों का पालन करना जरूरी है। उसने कहा कि पायरोलिसिस के दौरान बनने वाले कार्बन को कचरा डालने के स्थानों पर भेजने के बजाय सीमेंट उद्योग में इस्तेमाल किया जा सकता है।
पीठ में न्यायमूर्ति सुधीर कुमार अग्रवाल और विशेषज्ञ सदस्य ए सेंथिल वेल भी शामिल थे। पीठ ने कहा, ‘‘हम अनुपालन नहीं करने वाली इकाइयों को तेजी से तब तक बंद करने का निर्देश देते हैं जब तक नियमों का पालन शुरू नहीं हो जाता।’’
पीठ ने सीपीसीबी और केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को इन टीपीयू के लिए एक महीने के भीतर संशोधित मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) को अंतिम रूप देने का निर्देश भी दिया।
भाषा वैभव पवनेश
पवनेश