नयी दिल्ली, सात अक्टूबर (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने पर्यावरण संबंधी चिंताओं को लेकर उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के एक गांव में बायोमेडिकल अपशिष्ट उपचार इकाई चलाने वाली एक कंपनी की मंजूरी को रद्द कर दिया है।
इसने राज्य के मुख्य पर्यावरण अधिकारी (सीईओ) के आचरण की भी निंदा की, जिन्होंने ‘‘अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर और कानूनों का उल्लंघन करते हुए’’ इकाई को चलाने के लिए ‘अनधिकृत अनुमति’ दी थी।
एनजीटी जिले के समवई गांव में इकाई को प्रदान की गई मंजूरी के खिलाफ एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
याचिका में दावा किया गया कि इकाई आवासीय घरों के निकट है और इससे यहां रहने की स्थिति ‘गंदे और अस्वास्थ्यकर’ है। इसमें आरोप लगाया गया है कि इससे पैदा होने वाले दुर्गंध और उत्सर्जन ‘स्वास्थ्य के लिए खतरनाक’ है ।
अधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की पीठ ने याचिकाकर्ता के वकील की दलील पर गौर किया, जिन्होंने कहा था कि संबंधित सक्षम मुख्य पर्यावरण अधिकारी (सीईओ) द्वारा इकाई को समेकित सहमति और मंजूरी (सीसीए) प्रदान नहीं की गयी थी ।
भाषा रंजन रंजन माधव
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