एनजीटी ने गुरुग्राम के बांधवारी लैंडफिल साइट पर उपचारात्मक उपायों को संशोधित किया

एनजीटी ने गुरुग्राम के बांधवारी लैंडफिल साइट पर उपचारात्मक उपायों को संशोधित किया

  •  
  • Publish Date - February 3, 2023 / 08:35 PM IST,
    Updated On - February 3, 2023 / 08:35 PM IST

नयी दिल्ली, तीन फरवरी (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने गुरुग्राम में बांधवारी ‘लैंडफिल साइट’ पर सुधारात्मक उपायों की निगरानी के लिए सौंपी गई एक समिति के कामकाज में संशोधन किया है।

एनजीटी ने पाया कि इसे लेकर पर्यावरण से संबंधित एक ‘आपातकालीन’ स्थिति है।

अधिकरण उन दो याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें दावा किया गया है कि लैंडफिल साइट पर करीब 33 लाख मीट्रिक टन पुराने ठोस कचरे का निपटारा करने के लिए पर्यावरणीय मानदंडों को बरकरार रखने में संबंधित अधिकारी विफल रहे हैं।

सितंबर 2022 में अधिकरण ने राज्य के अधिकारियों को सुधारात्मक उपायों की निगरानी के लिए नौ सदस्यीय समिति के गठन के साथ-साथ पर्यावरण की रक्षा के लिए ‘रिंग-फेंस (विशेष उद्देश्य से अलग से खोले गये)’ खाते में 100 करोड़ रुपये जमा करने का निर्देश दिया था।

एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति ए के गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने समिति की रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए कहा कि वह ‘इन मामलों की स्थिति से निराश’ है और ‘इस मामले में कोई विश्वसनीय प्रगति नहीं हुई है’।

इस खंडपीठ में न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और विशेषज्ञ सदस्य ए सेंथिल वेल तथा अफरोज अहमद भी शामिल हैं।

एनजीटी की पीठ ने कहा, ‘‘हम निर्देश देते हैं कि निरीक्षण समिति का नेतृत्व अब हरियाणा के मुख्य सचिव करेंगे, जिन्हें मुख्य रूप से गुड़गांव और फरीदाबाद के आयुक्तों, नगर निगमों द्वारा सहायता प्रदान की जाएगी। “

इस मामले में 31 मार्च तक के अनुपालन की स्थिति की प्रगति रिपोर्ट 15 अप्रैल तक अधिकरण के समक्ष दायर की जानी है। मामले को 20 अप्रैल को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।

भाषा रवि कांत सुभाष

सुभाष