एनएमसी ने छात्रों को अनधिकृत मेडिकल कॉलेजों और अवैध विदेशी चिकित्सा पाठ्यक्रमों के खिलाफ आगाह किया

एनएमसी ने छात्रों को अनधिकृत मेडिकल कॉलेजों और अवैध विदेशी चिकित्सा पाठ्यक्रमों के खिलाफ आगाह किया

एनएमसी ने छात्रों को अनधिकृत मेडिकल कॉलेजों और अवैध विदेशी चिकित्सा पाठ्यक्रमों के खिलाफ आगाह किया
Modified Date: May 20, 2025 / 05:33 pm IST
Published Date: May 20, 2025 5:33 pm IST

नयी दिल्ली, 20 मई (भाषा) राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) ने छात्रों को देश में बिना आवश्यक स्वीकृति के संचालित हो रहे मेडिकल कॉलेज के साथ-साथ अनधिकृत विदेशी चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने के प्रति आगाह किया है।

एनएमसी ने एक परामर्श में कहा कि मंजूरी प्राप्त नहीं करने वाले संस्थानों से पढ़ाई करने वाले छात्रों को लाइसेंस हासिल करने की परीक्षा एफएमजीई के लिए अपात्र माना जाएगा और अयोग्यता का जिम्मा पूरी तरह से उनपर होगा।

आयोग ने परामर्श में कहा, ‘‘एनएमसी ने देश में बिना किसी जरूरी मंजूरी के संचालित होने वाले अनधिकृत मेडिकल कॉलेजों के कुछ उदाहरण देखे हैं। ये संस्थान मान्यता का दावा करके छात्रों और अभिभावकों को गुमराह कर रहे हैं और कानूनी रूप से स्वीकृत नहीं होने वाले मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश दे रहे हैं।’’

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किसी संस्थान की वैधता की पुष्टि के लिए एक जांच सूची जारी करते हुए एनएमसी ने एमबीबीएस में प्रवेश चाह रहे अभ्यर्थियों से कहा कि वे मान्यता प्राप्त मेडिकल कॉलेजों की सूची देखने के लिए आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं तथा सत्यापन के लिए सीधे उससे संपर्क करें।

उसने छात्रों और अभिभावकों को सलाह दी कि वे केवल कॉलेज की वेबसाइट और विज्ञापनों पर ही प्रतिक्रिया न दें। साथ ही उसने यह भी रेखांकित किया कि एनएमसी किसी भी मेडिकल कॉलेज में सीधे प्रवेश नहीं कराता है।

एनएमसी ने कहा कि राजस्थान में सिंघानिया विश्वविद्यालय और पश्चिम बंगाल के हावड़ा में संजीबन अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेज बिना अनुमति के मेडिकल पाठ्यक्रम संचालित करने और इनमें प्रवेश देने के मामले में जांच के दायरे में हैं और इनमें से एक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की जा चुकी है।

भाषा वैभव दिलीप

दिलीप


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