जल्दबाजी में नहीं, पार्टी फैसला करेगी: कर्नाटक में नेतृत्व विवाद पर शिवकुमार

जल्दबाजी में नहीं, पार्टी फैसला करेगी: कर्नाटक में नेतृत्व विवाद पर शिवकुमार

जल्दबाजी में नहीं, पार्टी फैसला करेगी: कर्नाटक में नेतृत्व विवाद पर शिवकुमार
Modified Date: November 28, 2025 / 09:37 pm IST
Published Date: November 28, 2025 9:37 pm IST

बेंगलुरु, 28 नवंबर (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के साथ चल रहे सत्ता संघर्ष के बीच उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने शुक्रवार को कहा कि वह ‘कुछ नहीं चाहते और जल्दबाजी में नहीं हैं।’

जब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष से पूछा गया कि क्या वह दिल्ली जाकर पार्टी आलाकमान से मिलेंगे तो उन्होंने सकारात्मक जवाब देते हुए कहा, ‘दिल्ली हमारा मंदिर है।’

शिवकुमार ने आंगनवाड़ी कार्यक्रम की स्वर्ण जयंती के अवसर पर आयोजित एक समारोह से इतर संवाददाताओं से कहा, ‘मुझे कुछ नहीं चाहिए। मैं जल्दबाजी में नहीं हूं। मेरी पार्टी निर्णय लेगी।’

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इस समारोह में उन्होंने मुख्यमंत्री के साथ मंच साझा किया।

शिवकुमार ने कहा कि वह एक दिसंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी की यात्रा कर सकते हैं। इस की अटकलें लगायी जा रही हैं कि कांग्रेस आलाकमान ने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को नेतृत्व विवाद सुलझाने के लिए बुलाया है। कर्नाटक सरकार के हाल में अपने कार्यकाल का 50 प्रतिशत समय पूरा करने के बाद यह विवाद और बढ़ गया है।

राष्ट्रीय राजधानी की अपनी यात्रा के बारे में उन्होंने कहा, ‘मैं दिल्ली जा सकता हूं।’

उन्होंने कहा, ‘वहां मेरे पास बहुत काम है। संसद सत्र नजदीक आ रहा है। मुझे कर्नाटक के सभी सांसदों से मिलना है क्योंकि उन्हें हमारी कुछ परियोजनाओं पर काम करना है।’

यह पूछे जाने पर कि क्या वह पार्टी आलाकमान से मिलेंगे, शिवकुमार ने कहा कि वह मिलेंगे।

उन्होंने कहा, ‘दिल्ली हमारा मंदिर है। हम सभी को वहां जाना है। दिल्ली के बिना कुछ नहीं हो सकता। कांग्रेस एक ऐसी पार्टी है जिसका इतिहास बहुत पुराना है और उसने हमेशा हमारा मार्गदर्शन किया है।’

बृहस्पतिवार को जहां मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री सोशल मीडिया पर जुबानी जंग में उलझे रहे, वहीं शुक्रवार के समारोह में वे मंच साझा करते नजर आए।

शिवकुमार ने जोर देकर कहा था कि ‘शब्द शक्ति ही विश्व शक्ति है,’ जिस पर सिद्धरमैया ने चुटकी लेते हुए कहा, ‘शब्द तब तक शक्ति नहीं है जब तक वह लोगों के लिए दुनिया को बेहतर न बनाए।’

मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में स्पष्ट किया, ‘कर्नाटक की जनता द्वारा दिया गया जनादेश एक क्षण का नहीं है, बल्कि यह एक जिम्मेदारी है जो पूरे पांच साल तक निभाई जाएगी।’

शिवकुमार ने लिखा, ‘दुनिया में सबसे बड़ी ताकत अपनी बात पर कायम रहना है।’

उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘चाहे आप न्यायाधीश हों, राष्ट्रपति हों या कोई और, यहां तक ​​कि मैं भी, सभी को अपनी बात पर अमल करना होगा। शब्दों की शक्ति ही विश्व शक्ति है।’

मई 2023 में विधानसभा चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए सिद्धरमैया और शिवकुमार के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा थी। कांग्रेस शिवकुमार को मनाने में कामयाब रही थी जिसके बाद उन्हें उपमुख्यमंत्री का पद दिया गया था।

उस समय कुछ खबरें थीं कि ‘बारी-बारी से मुख्यमंत्री बनाने के फॉर्मूले’ के आधार पर समझौता हो गया है, जिसके अनुसार शिवकुमार 2.5 साल बाद मुख्यमंत्री बनेंगे, लेकिन पार्टी द्वारा आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं की गई थी।

भाषा राखी माधव

माधव


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