ईटानगर, 10 जुलाई (भाषा) अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने पूर्वोत्तर परिषद (एनईसी) के कामकाज के तरीके पर असंतोष जताते हुए कहा कि एजेंसी से ‘कुछ भी ठोस नहीं निकल’ रहा है।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार एनईसी के सचिव के. मोसेज चलाई के साथ शुक्रवार को बैठक में खांडू ने कहा कि हाल में यह बस एक फंडिंग एजेंसी बनकर रह गई है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम विमर्श पर विमर्श कर रहे हैं लेकिन एनईसी से कुछ भी ठोस नहीं निकल रहा है। मेरा मानना है कि इसे बड़ी भूमिका निभानी है।’’
उन्होंने कहा कि एनईसी को खुद को प्रमुख क्षेत्रों में ध्यान देने पर केंद्रित होने के साथ एक क्षेत्रीय विचार संगठन के रूप में खुद को फिर से स्थापित करना चाहिए।
खांडू ने कहा कि पूर्वोत्तर में एनईसी की वही भूमिका हो सकती है, जो नीति आयोग की भूमिका – एक सूत्री समाधान – की है। उन्होंने चलाई से कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हममें पूर्वोत्तर को बदलने की इच्छाशक्ति है। यह आप (एनईसी) पर है कि आप एक कार्ययोजना के साथ आएं।’’
उन्होंने कहा कि एनईसी का एकमात्र एजेंडा वित्तपोषण नहीं होना चाहिए।
भाषा स्नेहा शाहिद
शाहिद
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