21 नवंबर : स्वतंत्र भारत का पहला डाक टिकट साढ़े तीन आने का ‘जय हिंद’ जारी

21 नवंबर : स्वतंत्र भारत का पहला डाक टिकट साढ़े तीन आने का ‘जय हिंद’ जारी

21 नवंबर : स्वतंत्र भारत का पहला डाक टिकट साढ़े तीन आने का ‘जय हिंद’ जारी
Modified Date: November 29, 2022 / 08:54 pm IST
Published Date: November 20, 2021 8:04 pm IST

नयी दिल्ली, 20 नवम्बर (भाषा) देश को 15 अगस्त 1947 को आजादी मिलने के बाद स्वतंत्र भारत की सरकार ने अपना पहला डाक टिकट जारी किया जिसकी कीमत साढ़े तीन आना तय की गई। ‘जय हिंद’ के नाम से जारी इस डाक टिकट पर बीचो बीच लहराते हुए तिरंगे की तस्वीर बनी थी, जबकि बाईं ओर अंग्रेजी में इसकी कीमत यानी साढ़े तीन आना लिखा था। तिरंगे के ठीक नीचे ‘इंडिया’ लिखा था और तिरंगे के बगल में 15 अगस्त 1947 अंकित था। यह डाक टिकट कहने को नीले रंग का एक कागज का छोटा सा टुकड़ा था, लेकिन दरअसल यह इतिहास के पन्नों पर स्वतंत्र भारत का पहला हस्ताक्षर था, जो सारी दुनिया के सामने भारत की विजय का जयघोष कर रहा था।

21 नवंबर की तारीख की अन्य घटनाओं की बात की जाए तो तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे और समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह तथा गुजरात की पहली महिला मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल का जन्म भी इसी दिन हुआ था।

देश-दुनिया के इतिहास में आज की तारीख पर दर्ज अन्य प्रमुख घटनाओं का सिलसिलेवार ब्योरा इस प्रकार है:-

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1517 : दिल्ली के शासक सिकंदर लोधी द्वितीय का निधन।

1872 : कवि और स्वतंत्रता सेनानी केसरी सिंह बारहट का जन्म।

1921 : प्रिंस ऑफ वेल्स :जो बाद में :किंग एडवर्ड अष्टम कहलाए: बम्बई पहुंचे और इंडियन नेशनल कांग्रेस ने देशभर में हड़ताल की।

1939 : समाजवादी पार्टी के संस्थापक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का जन्म।

1941 : गुजरात की पहली महिला मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल का जन्म।

1947 : स्वतंत्रता के बाद साढे तीन आने कीमत का प्रथम भारतीय डाक टिकट ‘जय हिन्द’ जारी किया गया।

1962 : भारत-चीन सीमा विवाद में चीन ने संघर्षविराम की घोषणा की।

1963 : केरल के थुंबा क्षेत्र से पहला रॉकेट छोड़े जाने के साथ ही भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआत।

1970 : भारतीय भौतिक विज्ञानी सी वी रमन का निधन।

2005 : रत्नासिरी विक्रमनायके दूसरी बार श्रीलंका के प्रधानमंत्री बने।

2019 : महिन्दा राजपक्षे ने तीसरी बार श्रीलंका के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली।

2019 : स्वीडन की 17 साल की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग जलवायु परिवर्तन के खिलाफ संघर्ष के लिए अंतरराष्ट्रीय बाल शांति पुरस्कार से सम्मानित।

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