New Pension Scheme News: रिटायर होने वाले कर्मचारी ध्यान ध्यान दें.. स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने से 3 महीने पहले चुन सकते है NPS, सरकार ने दिया विकल्प
एकीकृत पेंशन योजना का विकल्प चुनने वाले कर्मचारी एनपीएस में वापस आ सकते हैं : सरकार
NPS on Voluntary Retirement || Image-IBC24 News File
- यूपीएस और एनपीएस के बीच विकल्प की सुविधा
- वीआरएस से पहले एनपीएस में वापसी संभव
- मृत्यु या अपंगता पर परिवार को विकल्प का लाभ
NPS on Voluntary Retirement: नयी दिल्ली: केंद्र सरकार ने बुधवार को कहा कि एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) का विकल्प चुनने वाले कर्मचारी सेवानिवृत्ति से एक साल पहले या स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का विकल्प चुनने से तीन महीने पहले राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) में वापस आ सकते हैं। कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने बुधवार को सीसीएस (राष्ट्रीय पेंशन योजना के तहत एकीकृत पेंशन योजना का कार्यान्वयन) नियम, 2025 जारी किए, जिससे केंद्र सरकार के कर्मचारियों को एनपीएस और नयी शुरू की गई यूपीएस के बीच चयन करने में मदद मिलेगी।
विकल्प चुनने के लिए दो सप्ताह का समय
विज्ञान भवन में आयोजित 14वीं पेंशन अदालत के दौरान दस्तावेज जारी करने के बाद मंत्री ने कहा कि यूपीएस नियमों में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि कर्मचारी किस प्रकार स्वयं को अंशदाता के रूप में नामांकित कर सकते हैं और लाभ के लिए अपने विकल्प का प्रयोग कर सकते हैं। नए नियमों की अधिसूचना के साथ ही सिंह ने यूपीएस पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों पर एक लघु फिल्म भी जारी की, जिसका उद्देश्य कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए योजना के प्रमुख पहलुओं को स्पष्ट करना है।
मंत्री ने कहा कि यह अधिसूचना केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को अधिक लचीलापन प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को एनपीएस और यूपीएस के बीच अपना विकल्प चुनने के लिए दो सप्ताह का समय मिलेगा। व्यापक जागरूकता सुनिश्चित करने के लिए, पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग (डीओपीपीडब्ल्यू) ने एक व्यापक संपर्क अभियान की योजना बनाई है।
NPS on Voluntary Retirement: अधिकारियों के अनुसार, दो सितंबर को अधिसूचित सीसीएस (एनपीएस के तहत यूपीएस का कार्यान्वयन) नियम, 2025 कई मुद्दों को कवर करते हैं। बयान में कहा गया है कि यूपीएस में शामिल होने वाले कर्मचारियों के लिए, नियमों में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि वे कैसे नामांकन कर सकते हैं और अपने विकल्प का प्रयोग कैसे कर सकते हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि जो कर्मचारी बाद में अपना मन बदलते हैं, वे हमेशा के लिए इसमें बंधे नहीं रहते, वे सेवानिवृत्ति से एक साल पहले या स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने से तीन महीने पहले एनपीएस में वापस आ सकते हैं।
अंशदान जमा करने में देरी तो मिलेगा मुआवजा
ये नियम इस बात को भी परिभाषित करते हैं कि यूपीएस के तहत कर्मचारी और सरकार, दोनों की ओर से किया जाने वाला अंशदान कैसे काम करेगा, ताकि कटौती और संबद्ध जमा पारदर्शी रहें। अगर अधिकारियों द्वारा यूपीएस के तहत किसी कर्मचारी को पंजीकृत करने या समय पर उसका अंशदान जमा करने में कोई देरी होती है, तो कर्मचारी को यह सुनिश्चित करते हुए मुआवजा दिया जाएगा कि प्रशासनिक चूक के कारण उन्हें कोई नुकसान न हो।
एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू अप्रत्याशित परिस्थितियों में कर्मचारियों और उनके परिवारों की सुरक्षा का है। यदि किसी सरकारी कर्मचारी की सेवा के दौरान मृत्यु हो जाती है या वह अक्षम हो जाता है, तो परिवार के पास पारंपरिक सीसीएस (पेंशन) नियमों या यूपीएस नियमों, जो भी अधिक लाभकारी हो, के तहत लाभ का दावा करने का विकल्प होगा।

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