एनएसयूआई ने डीयू पाठ्यक्रम में सावरकर को शामिल करने का विरोध किया

एनएसयूआई ने डीयू पाठ्यक्रम में सावरकर को शामिल करने का विरोध किया

एनएसयूआई ने डीयू पाठ्यक्रम में सावरकर को शामिल करने का विरोध किया
Modified Date: May 31, 2023 / 07:32 pm IST
Published Date: May 31, 2023 7:32 pm IST

नयी दिल्ली, 31 मई (भाषा) कांग्रेस पार्टी से संबद्ध छात्र संगठन नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के कार्यकर्ताओं ने कला स्नातक (राजनीति विज्ञान) के पाठ्यक्रम में हालिया बदलाव को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति योगेश सिंह के कार्यालय के बाहर बुधवार को विरोध प्रदर्शन किया। पाठ्यक्रम में हिंदुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर को शामिल किया गया है।

शिक्षकों ने शनिवार को दावा किया था कि विश्वविद्यालय ने राजनीति विज्ञान के पांचवें सेमेस्टर के पाठ्यक्रम में महात्मा गांधी से जुड़े एक पेपर को सावरकर से बदल दिया है।

एनएसयूआई से जुड़े छात्रों ने बुधवार को आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय ने केंद्र के दबाव के बाद सावरकर को पाठ्यक्रम में शामिल किया है।

 ⁠

दर्शनशास्त्र में बी. आर. आंबेडकर के कार्यों पर केंद्रित एक पाठ्यक्रम को हटाने का भी प्रस्ताव है। छात्रों ने पाठ्यक्रम में बदलाव के विरोध में विश्वविद्यालय प्रशासन को एक ज्ञापन सौंपा।

एनएसयूआई ने एक बयान में कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन ने हाल ही में फैसला किया था कि बीआर आंबेडकर के दर्शन से जुड़े एक पाठ्यक्रम को दर्शनशास्त्र (ऑनर्स) स्नातक कार्यक्रम से हटा दिया जाएगा। बयान के अनुसार सावरकर को राजनीति विज्ञान पाठ्यक्रम में पढ़ाने का भी प्रस्ताव है।

एनएसयूआई ने मांग की कि आंबेडकर को वैकल्पिक पाठ्यक्रम से हटाने के बजाय उन पर एक अतिरिक्त अध्याय शामिल किया जाना चाहिए और छात्रों को उन पर अधिक से अधिक शोध करने के लिए प्रेरित करना चाहिए।

एनएसयूआई की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष कुणाल सहरावत ने बयान में कहा कि आंबेडकर देश के बहुसंख्यक लोगों की सामाजिक आकांक्षाओं के स्वदेशी विचारक थे।

एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव नीतीश गौड़ ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार के दबाव में विश्वविद्यालय सावरकर पर एक अध्याय पाठ्यक्रम में शामिल कर रहा है।

उन्होंने छात्रों से कहा कि अगर नए बदलाव को नहीं हटाया गया तो एनएसयूआई एक बड़ा आंदोलन शुरू करेगा।

भाषा अविनाश संतोष

संतोष


लेखक के बारे में